Ganesh Chaturthi 2023 date | गणेश चतुर्थी 2023 कब है

Ganesh Chaturthi 2023 date: हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को हर शुभ कार्य में सबसे पहले याद किया जाता है| हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार, भगवान गणेश भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं| गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी एक लोकप्रिय हिन्दू त्यौहार है| इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति को लेकर विशाल जुलुस निकाला जाता है| आइये जानते हैं गणेश चतुर्थी 2023 में कब है (Ganesh Chaturthi 2023 Date) और गणेश चतुर्थी की पूजा विधि:  
ganesh chaturthi 2023

भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, विवेक और सुख-संपत्ति का देवता माना जाता है| अगर यह पाँचों चीज़ें मिल जाए तो जीवन को सम्पूर्ण मान लिया जाता है| माना जाता है कि भगवान गणेश की छवि में जीवन के कई रहस्य छिपे हैं जो जीवन को सही दिशा दे सकते हैं| हमारे शास्त्रों और ग्रंथों में भगवान गणेश के शारीरिक रूप से कई शिक्षाएं निकाली गई हैं| समय के दौर में कई विद्वानों ने अपने-अपने तरीके से इसका उल्लेख किया है| 

विशाल मस्तक- भगवान गणेश का विशाल मस्तक सिखाता है कि सोच के दायरे को बड़ा बनाएं| अगर व्यक्ति अपने जीवन में बदलाव चाहता है तो उसे अलग हटकर कुछ बड़ा सोचना चाहिए| 
बड़े कान- भगवान गणेश के पास बड़े कान हैं जो सिखाते हैं कि दूसरों की बात को ध्यान और धैर्य से सुनना चाहिए| सीखने की पहली सीढ़ी ही ज्ञान की बातें सुनना है| गणेश जी के लंबे कान को लेकर यह भी कहा जाता कि वे सुनते सबकी हैं पर करते अपने मन की हैं| 
बड़ी आँखें- गणेश भगवान की बड़ी आँखें दूरदृष्टि रखने और अपने लक्ष्य पर नजर रखने की सीख देते हैं| 
छोटा मुँह- गणपति भगवान का छोटा मुँह हमें यह सन्देश देता है कि हमें कम बोलना चाहिए| हमें दूसरों से कम अपेक्षा रखनी चाहिए| 
मोटा पेट (लम्बोदर)- गणेश भगवान के मोटे पेट से हमें यह सन्देश मिलता है कि हम में अच्छी-बुरी बातों को पचाने की क्षमता होनी चाहिए| भोजन के साथ व्यक्ति को सुख और दुःख को पचाने की कला सीखनी चाहिए और रहस्यपूर्ण बातों को अपने तक ही सम्पूर्ण रखनी चाहिए| 

कहते हैं भगवान गणेश को मोदक यानि लड्डू बहुत पसंद है| इसके पीछे यह तर्क है अगर ज्ञान, बुद्धि, मेहनत और समर्पण से कोई काम करते हैं तो उसका परिणाम सफलता की मिठास के रूप में जरूर मिलता है| 

गणेश चतुर्थी का महत्व 

गणेश भगवान को नई शुरुआत और बाधाओं को दूर करने वाले देवता के रूप में मनाता है| हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी त्यौहार का विशेष महत्व है| समृद्धि और ज्ञान के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है| हिन्दू धर्म के लोग हर शुभ कार्य या व्यवसाय की शुरुआत से पहले गणेश भगवान का आशीर्वाद लेते हैं| इन्हें भाग्य दाता और मुश्किलों को दूर करने वाला देवता माना जाता है इसलिए हर समारोह आदि शुभ कार्यों में गणपति भगवान का आशीर्वाद लिया जाता है| 

गणेश चतुर्थी के पर्व में यह सम्मान, समृद्धि और सुख के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है| विघ्नहर्ता गणेश जी का विधि विधान और पुरे मन से किया गया पूजन मनचाहा फल प्रदान करता है| 

गणेश जी का जन्म मध्याहन काल में हुआ था इसलिए दोपहर में गणपति भगवान की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है| 


गणेश चतुर्थी के मुख्य अनुष्ठान 

गणेश चतुर्थी का त्यौहार पुरे भारत में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है पर अलग-अलग क्षेत्र के रीति-रिवाजों और परम्पराओं में थोड़ी भिन्नता है| यह त्यौहार अलग-अलग स्थानों अनुसार 07 से 10 दिनों तक चलता है| इसमें कुछ सामान्य रूप हैं: 

गणपति प्रतिमा की स्थापना: गणपति भगवान् की प्रतिमा को घर पर या सार्वजनिक स्थान पर प्राणप्रतिष्ठ पूजा के साथ एक आसन पर स्थापित किया जाता है| 

चन्द्रमा की ओर न देखना: त्यौहार की पहली रात में चाँद को देखना अपशगुन माना जाता है इसलिए इस रात लोग चाँद देखने से बचते हैं| 

प्रार्थना: गणपति मंदिरों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में सुबह-शाम प्राथना सभाओं का आयोजन किया जाता है| जहाँ पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी के भजन गाये जाते हैं| 

मोदक का भोग लगाना: मोदक को भगवान गणेश का पसंदीदा मिठाई मानी जाती है, इसलिए इस त्यौहार में मोदक को प्रसाद के रूप में बनाया और बांटा जाता है|      

विसर्जन: पूजा के दिनों के अंतिम दिन गणपति भगवान को विदाई दी जाती है| उत्सव के आखिरी दिन यानी गणेश चतुर्थी के सातवे दिन से ग्यारहवें दिन के बीच गणपति जी की मूर्ति का किसी जल निकाय में विसर्जन करते हैं| गणेश जी की प्रतिमा/मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाते समय, भजन, श्लोक और गीत गाते लोगों का जुलुस भी होता है| लोग इस दिन अब तक हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं और भगवान गणेश जी से अगले वर्ष उनके घर में फिर से पधारने के लिए आग्रह करते हैं|       


गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है 

गणेश चतुर्थी का पर्व पुरे भारत में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है| साल में आने वाली चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है| गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है| इस गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी की जयंती के रूप में भी मनाते हैं, इसलिए यह चतुर्थी तिथि साल में आने वाली दूसरी चतुर्थी तिथियों में से सबसे ख़ास मानी जाती है| 

गणेश चतुर्थी का उत्सव लगभग दस दिनों तक चलता है जिस कारण इसे गणेश महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है| 

गणेश चतुर्थी से गणेश जी का उत्सव गणपति प्रतिमा की स्थापना करके उनकी पूजा से आरम्भ होता है| घर में रखकर अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई की जाती है| गणेश विसर्जन के साथ ही गणेश महोत्सव समाप्त होता है| इस पर्व में लोग अपनी इच्छा अनुसार पांच, सात या दस दिनों तक अपने घरों में गणपति बप्पा को विराजमान करते हैं| 


गणेश प्रतिमा की स्थापना विधि 

गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए| फिर भगवान गणेश जी की प्रतिमा बनाएं या घर लाएं| इस दिन लोग ढोल बाजे के साथ गणपति जी को अपने घर लाते हैं| गणेश जी को विराजमान करने से पहले उस जगह को गंगा जल छिड़ककर शुद्ध करना चाहिए| फिर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं, चार हल्दी की गाँठ और एक मुट्ठी अक्षत रखें| फिर इसके ऊपर एक लकड़ी की चौकी और उसके ऊपर लाल, केसरिया या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं| रंगोली, फूल, आम के पत्ते या अन्य सामग्री से उस स्थान को सजाएं| इसके बाद कलश की स्थापना करें| एक अष्टदल कमल बनाएं और कलश में मौली बांधें| कलश पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर उसके ऊपर मौली बांधकर नारियल रख दें| फिर इस कलश को गणपति के दायीं ओर स्थापित कर दें| बायीं ओर एक दीपक जलाएं| इसे 10 दिनों तक अखंड ज्योत के रूप में जला सकते हैं या फिर पूजा के दौरान ही जलाएं| 

इसके बाद चौकी पर गणेश जी की स्थापना करें| तत्पश्चात गणेश जी की विधिवत पूजा अर्चना करें| दक्षिणा अर्पित करने के बाद लड्डुओं का भोग लगाएं| उसके बाद गणेश जी का पूजन सायं काल के समय करके गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा और आरती करनी चाहिए| 

पूजा के बाद दृष्टि नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ दिया जाता है| मान्यता है इस दिन चन्द्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए| इसके बाद ब्रहमणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए| 

happy ganesh chaturthi


गणेश चतुर्थी पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए 

हिन्दू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी से अगले दस दिनों तक भगवान गणेश अपने भक्तों के साथ रहते हैं| इसलिए गणेश चतुर्थी पर कई बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है| 

1. गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए| लेकिन गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को अर्घ दिए बिना गणेश चतुर्थी का पूजन समाप्त ना करें| नजर को नीचे रखकर ही चन्द्रमा को अर्घ दें| यदि भूल से चन्द्रमा के दर्शन कर भी लिए तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फ़ेंक दें| 

2. गणेश चतुर्थी के दिन पूजा में किसी भी व्यक्ति को काले या नीले रंग के कपडे नहीं पहनने चाहिए| पूजा में लाल, पीले या सफ़ेद वस्त्र ही धारण करें| 

3. गणेश जी की पूजा करते वक्त तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए, क्यूंकि तुलसी जी ने गणेश जी को श्राप दिया था| 

4. गणेश चतुर्थी के दिन गणपति जी की नई मूर्ति रखकर ही उनकी स्थापना करें और पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर दें, क्यूंकि घर पर दो मूर्तियों को भी नहीं रखना चाहिए| 

ganesh chaturthi visarjan

गणेश चतुर्थी 2023 कब है?(Ganesh Chaturthi 2023 Date)  

गणेश चतुर्थी 2023 में 19 सितम्बर, मंगलवार के दिन मनाई जायेगी| इस दिन चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितम्बर 2023,  दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगी| चतुर्थी तिथि की समाप्ति 19 सितम्बर 2023, दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर होगी| इसके साथ मध्याह्न काल गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त 19 सितम्बर की दोपहर 11:01 से 01:28 बजे तक रहेगा|     

पिछले वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी 31 अगस्त, गुरुवार के दिन मनाई गई थी| 

 

पिछले और आने वाले वर्षों में गणेश चतुर्थी इस दिन पड़ेगी:                  

गणेश चतुर्थी  दिनांक 
गणेश चतुर्थी 2022
31 अगस्त 2022, बुधवार 
गणेश चतुर्थी 202319 सितम्बर 2023, मंगलवार
गणेश चतुर्थी 2024
07 सितम्बर 2024, शनिवार 
गणेश चतुर्थी 2025
27 अगस्त 2025, बुधवार 
गणेश चतुर्थी 2026
14 सितम्बर 2026, सोमवार 

happy ganesh chaturthi 2023

हैप्पी गणेश चतुर्थी शुभकामनाएं (Happy Ganesh Chaturthi 2023 Wishes) 


पग में फूल खिले,
हर ख़ुशी आपको मिले, 
कभी ना हो दुखों का सामना, 
यही मेरी गणपति चतुर्थी पर मनोकामना| 
"गणपति चतुर्थी की शुभकामनाएं"
 "Happy गणेश चतुर्थी 2023"  


गणेश जी आपको नूर दे, 
खुशियां आपको सम्पूर्ण दे| 
आप जाएँ गणेश जी के दर्शन को,
और गणेश जी आपको सुख सम्पति सम्पूर्ण दे| 
"गणपति चतुर्थी की शुभकामनाएं"
 "Happy गणेश चतुर्थी 2023" 


भगवान श्री गणेश की कृपा, 
बनी रहे आप पर हर दम| 
हर कार्य में सफलता मिले, 
जीवन में ना आये कोई गम| 
"गणपति चतुर्थी की शुभकामनाएं"
 "Happy गणेश चतुर्थी 2023" 

ganesh chaturthi 2023

 
गणपति का रूप निराला है,
चेहरा देखो कितना भोला-भाला है| 
जब भी हम पर आये कोई मुसीबत,
गणपति ने ही हमें संभाला है| 
"गणपति चतुर्थी की शुभकामनाएं"
 "Happy गणेश चतुर्थी 2023 " 

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