विश्व आद्रभूमि दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? World Wetland Day 2023 theme

World Wetlands Day 2023: समय के साथ अधिक जनसँख्या और मानवों द्वारा लगातार निर्माण कार्यों ने पृथ्वी की आद्रभूमि को प्रभावित करने वाली पारिस्थितिक समस्याओं को जन्म दिया है| हमारी कई आद्रभूमि (Wetlands) लगातार लुप्त हो रही हैं और इंसानों को बहुत बड़े नुक्सान से पहले इस समस्या को पहचानने की जरुरत है| आद्रभूमि के लिए लोगों के बीच सही जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष विश्व आद्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) मनाया जाता है| आइये जानते हैं विश्व आद्रभूमि दिवस कब मनाया जाता है (World Wetland Day observed on) और क्या है इसके मायने: 

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आद्रभूमि क्या होती है? (What is Wetlands)

आद्रभूमि वह क्षेत्र होते हैं जो स्थायी रूप से (सालों या दशकों के लिए) या किसी मौसम में सप्ताह या महीनों के लिए पानी से भर जाते हैं| आद्रभूमि को सभी इकोसिस्टम में से सबसे अधिक जैविक रूप से विविध माना जाता है, जो पौधों और जानवरों की प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए घर के रूप में कार्य करता है| आद्रभूमि जल विज्ञान चक्र, बाढ़ नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| आद्रभूमि का सरंक्षण पृथ्वी पर जीवन का सरंक्षण है| 

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विश्व आद्रभूमि दिवस कब और क्यों मनाया जाता है (World Wetlands Day Observed on)

विश्व आद्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड्स डे 2023) प्रत्येक वर्ष 02 फरवरी को मनाया जाता है| यह दिन दुनिया पर वेटलैंड के प्रभाव और सकारात्मक उत्पादन को पहचानने का कार्य करता है और प्रकृति के लाभ के लिए सभी समुदायों को एक साथ लाने का काम करता है| यूँ तो विश्व आद्रभूमि सचिव विभाग मूल रूप से ग्लैंड, स्विट्ज़रलैंड से है, पर विश्व आद्रभूमि के लिए गंभीरता रामसर सम्मलेन के बाद हुई जब 02 फरवरी 1971 को ईरान के शहर रामसर में रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किये गए थे| 1997 में पहली बार 02 फरवरी को विश्व आद्रभूमि दिवस मनाया गया और तब से प्रतिवर्ष यह मनाया जा रहा है| 

यह दिन वैश्विक जागरूकता बढ़ाता है कि आद्रभूमि न केवल लोगों के बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| विश्व आद्रभूमि दिवस के मनाने से पर्यावरण के प्रति उत्साही लोग प्रकृति के प्रति अपने प्रेम को जताते हैं और सभी लोगों तक यह जानकारी पहुँचाने का कार्य करते हैं कि आद्रभूमि ने दुनिया के सभी जीवों के लिए क्या किया है|   

  

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विश्व आद्रभूमि दिवस 2023 की थीम (World Wetlands Day 2023 Theme) 

वर्ल्ड वेटलैंड्स डे 2021 थीम : "Wetlands and Water"

वर्ल्ड वेटलैंड्स डे 2022 थीम : "Wetlands Action for People and Nature" 

वर्ल्ड वेटलैंड्स डे 2023 थीम : "It's Time for Wetlands Restoration." 

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय 2 फरवरी 2023 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मना रहा है, जिससे आर्द्रभूमि के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके ताकि उन्हें तेजी से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके और उन्हें संरक्षित और बहाल करने के कार्यों को प्रोत्साहित किया जा सके| 

भारत में विश्व आद्रभूमि दिवस 2023 (World Wetland Day 2023 in India) के मौके पर राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों ने इस वर्ष सभी 75 रामसर स्थलों पर 200 से अधिक कार्यक्रमों के साथ विश्व आर्द्रभूमि दिवस (डब्ल्यूडब्ल्यूडी) मनाया| रामसर स्थलों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया| इन आयोजनों के दौरान आर्द्रभूमि प्रतिज्ञा दी गई|  छात्रों की सहभागिता के साथ 50 से अधिक गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें ड्राइंग प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, एक्सपोज़र गतिविधियों और पक्षी देखने का आयोजन किया गया|

 

largest ramsar site in india

भारत में आद्रभूमि (Wetlands in India)

वर्ष 1997 के बाद से रामसर वेबसाइट दुनिया के लगभग सौ देशों से उनकी विश्व आद्रभूमि दिवस की गतिविधियों की रिपोर्ट पोस्ट कर रही है| भारत में फरवरी 2022 से पहले तक 49 रामसर साइट्स थी| वर्ष 2022 के विश्व आद्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) के दिन भारत ने दो और रामसर साइट्स घोषित की| इसके बाद आजादी के अमृत काल के दौरान भारत इस कड़ी में नई रामसर साइट जोड़ता रहा| वर्ष 2022 में भारत ने कुल 28 और रामसर साइट्स घोषित करी हैं (आधिकारिक प्रमाणपत्र के हिसाब से 19), जिसके बाद भारत में इनकी कुल संख्या 75 हो गई है| इन साइटों की इकोलॉजी को कन्वेंशन के तहत सरंक्षित किया जाना है| 

गुजरात में खिजादिया वन्यजीव अभ्यारण्य और उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभ्यारण्य को विश्व आद्रभूमि दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में रामसर सम्मेलन के तहत अंतराष्ट्रीय महत्त्व के आद्रभूमि के रूप में मान्यता दी गई थी| जुलाई 2022 में जो पांच नई रामसर साइट्स जोड़ी गई वो हैं- तमिलनाडु में तीन आर्द्रभूमि (कारिकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लीकरणई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचावरम मैंग्रोव), मिजोरम में एक (पाला आर्द्रभूमि) और मध्य प्रदेश में एक आर्द्रभूमि (सख्य सागर)|      

अगस्त में घोषित 11 नए स्थलों में तमिलनाडु में चार, ओडिशा में तीन, जम्मू और कश्मीर में दो और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में एक-एक शामिल हैं| इन स्थलों से आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन और उनके संसाधनों के सही उपयोग में मदद मिलेगी|   

  • रामसर साइट में से सबसे बड़ा वेटलैंड (Largest Wetland in India): सुंदरबन, पश्चिम बंगाल (4230 वर्ग किलोमीटर)
  • रामसर साइट में से सबसे छोटा वेटलैंड (Smallest Wetland in India): रेणुका तालाब, हिमाचल प्रदेश (0.2 वर्ग किलोमीटर) 
  • तमिलनाडु में रामसर स्थलों की अधिकतम संख्या (14) है, इसके बाद यूपी आता है जहाँ रामसर स्थलों की संख्या 10 है| 
  • भारत में 13,26,677 हेक्टेयर के क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थल हैं| 

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