उड़ान योजना (Udan Scheme): वर्ष 2022 में मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (क्षेत्रीय संपर्क योजना) उड़ान ने अपने सञ्चालन के पांच वर्ष पुरे कर लिए हैं| 27 अप्रैल, 2017 को प्रधानमंत्री द्वारा शिमला और नई दिल्ली के बीच उड़ान योजना का शुभारंभ किया गया था| इस योजना के तहत अब तक, हमारे पास 425 मार्ग हैं जिनका लक्ष्य 1000 मार्गों तक जाना है, 68 नए हवाई अड्डे हैं जिनका लक्ष्य 100 हवाई अड्डों को छूना है| उड़ान योजना से वह दिन दूर नहीं जब रेल परिवहन और सड़क परिवहन के साथ-साथ नागरिक उड्डयन भारत में परिवहन का आधार बन जाएगा| आइये जानते हैं उड़ान योजना के बारे में कुछ जानकारी (UDAN Full Form) और इसका उद्देश्य:
उड़ान योजना (UDAN Scheme Full Form)
UDAN Full Form: "Ude Desh Ka Aam Nagrik"/ उड़े देश का आम नागरिक
उड़ान योजना क्या है (UDAN Scheme in Hindi)
उड़ान योजना भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 21 अक्टूबर 2016 को शुरू की गई थी| इस योजना का उद्देश्य टियर II और टियर III शहरों में एक उन्नत विमानन बुनियादी ढांचे और हवाई कनेक्टिविटी के साथ 'उड़े देश का आम नागरिक' के दृष्टिकोण का पालन करके आम नागरिक की आकांक्षाओं को पूरा करना था| पिछले पांच वर्षों में, उड़ान ने देश में क्षेत्रीय हवाई-कनेक्टिविटी में काफी वृद्धि की है| 2014 में जहाँ 74 परिचालन हवाई अड्डे थे, उड़ान योजना की वजह से अब तक यह संख्या बढ़कर 141 हो गई है|
आरसीएस-उड़ान (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम- उड़ान) राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (एनसीएपी)- 2016 की समीक्षा के आधार पर तैयार की गई थी| इस योजना की अवधि 10 साल रखी गई है| इसमें रीजनल कनेक्टिविटी फंड (आरसीएफ) के विकास के साथ स्व-वित्तपोषित तंत्र है| इस तरह, क्षेत्र से उत्पन्न धन स्वयं क्षेत्र की वृद्धि और विकास को प्रोत्साहित करता है|
उड़ान योजना के तहत मंत्रालय द्वारा एप्रूव्ड हवाई मार्गों में एयरलाइनों का चयन प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है| सफल बोलीदाता के पास तब तीन साल की अवधि के लिए मार्ग संचालित करने के लिए अनन्य अधिकार होते हैं| अब तक चार बार बोली प्रक्रिया हुई है|
उड़ान योजना के अंतर्गत 58 हवाई अड्डों, 8 हेली पोर्ट्स और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 68 अल्पसेवित/सेवा रहित गंतव्यों को जोड़ा गया है| इस योजना के तहत शुरू किए गए 425 नए हवाई मार्गों के साथ, उड़ान ने देश के कोने-कोने में 29 से अधिक राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को हवाई कनेक्टिविटी प्रदान की है| 4 अगस्त 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है|
उड़ान योजना ने क्षेत्रीय वाहकों को अपने संचालन को बढ़ाने के लिए एक बहुत आवश्यक मंच प्रदान किया है| यात्रियों को हवाई कनेक्टिविटी का लाभ मिला है, एयरलाइनों को क्षेत्रीय मार्गों के संचालन के लिए रियायतें मिली हैं, असेवित क्षेत्रों को उनके आर्थिक विकास के लिए हवाई कनेक्टिविटी का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिला है|
उड़ान योजना का उद्देश्य
उड़ान स्कीम ने भारतीय विमानन उद्योग के परिवर्तन में एक बड़ी भूमिका निभाई है| जैसा कि ऊपर बताया गया है उड़ान योजना का उद्देश्य देश के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान कर समावेशी विकास को बढ़ावा देना है| इसके साथ ही इस योजना का मकसद दूरदराज के क्षेत्रों में हवाई परिवहन बुनियादी ढांचे के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान करना है| उड़ान योजना के तहत 220 गंतव्यों (हवाई अड्डों/हेलीपोर्ट्स/वाटर एयरोड्रोम्स) को 1000 मार्गों के साथ 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि देश में अब तक छूटे गंतव्यों को हवाई कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके| शुरुआत से अब तक उड़ान योजना के तहत 156 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए 954 मार्ग पहले ही प्रदान किए जा चुके हैं|
उड़ान (UDAN) ने आवश्यकता के आधार पर लाइफलाइन उड़ान और कृषि उड़ान का निर्माण किया| लाइफलाइन उड़ान, कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सा कार्गो के परिवहन के लिए और कृषि उड़ान, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) और जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों का मूल्य प्राप्ति के लिए शुरू किया गया|
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