कंक्रीट बैचिंग प्लांट कैसे काम करता है-How Concrete Batching Plant Works

भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम जोरों से चल रहा है| और एक विकासशील देश (developing nation) होने के नाते आने वाले समय में भी इसकी रफ़्तार में बढ़ोतरी ही होने की उम्मीद की जा रही है| रोड, ब्रिज, बिल्डिंग, हाइड्रो प्रोजेक्ट, टनल का कार्य आदि चाहे कोई भी निर्माण हो, कंक्रीट पर हर देश की निर्भरता है| और हो भी क्यों ना, इस तरह के आविष्कारों के कारण तेज़ गति से होने वाले निर्माणों से ही तो प्रगति और विकास को परिभाषित किया जाता है| आज इस लेख में हम इसी कंक्रीट को बनाने की विधि बैचिंग प्लांट के प्रोसेस को समझकर जानेगें|    


कंक्रीट क्या होती है (What is concrete?) 

कंक्रीट (Concrete) का हिंदी अर्थ आप शब्दकोष में देखेंगे तो वह "ठोस" होता है| आज के समय में हर जगह कंक्रीट का उपयोग होने के कारण, आम जन भी आसानी से कंक्रीट की सही कल्पना कर लेते हैं| दरअसल कंक्रीट एक मिश्रित सामग्री है जो cement paste के साथ महीन (sand, रेता) और मोटी रोड़ी (aggregate, आमतौर पर 10 मिलीमीटर से 40 मिलीमीटर तक) को मिलाकर तैयार किया जाता है| यह मिश्रण समय के साथ ठोस हो जाता है|   


कंक्रीट को अपनी पूरी ताकत (strength) लाने में कितना समय लगता है : लाइफटाइम (Lifetime)       

कंक्रीट (Concrete) = सीमेंट (Cement) + रेता (Sand) + रोड़ी (Aggregate) + पानी (Water) + एडमिक्सचर (Admixture)   


कंक्रीट तैयार करने के लिए इन सभी सामग्रियों को एक निश्चित अनुपात (definite proportion) में मिलाया जाता है| अगर कोई भी एक की मात्रा कम-ज्यादा हो तो हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे| 

Indian Standard Code के अनुसार अलग-अलग कंक्रीट में अंतर स्पष्ट करने के लिए इसे इसकी compressive strength अनुसार में बांटा गया है| जैसे M10, M15, M20, M25, M30... आदि| जहाँ अगर M45 कंक्रीट है तो उसकी 28 दिनों की compressive strength 45N/mm2 होगी| कंक्रीट का mix design करने के लिए दिशानिर्देश IS10262 में बताये गए है|                   


कंक्रीट कैसे बनाते हैं   

कई बार ऐसे काम होते हैं जिसमें काफी कम मात्रा में कंक्रीट की आवश्यकता पड़ती है, ऐसे कम महत्व वाले कार्यों में साफ़ फर्श पर रेता रखा जाता है फिर उसमें सीमेंट मिलाकर पानी डाला जाता है, थोड़ी देर तक उसे मिलाने के बाद रोड़ी भी मिलाई जाती है| इसे 2-3 मिनट तक अच्छी तरह मिलाकर एक consistent concrete mix तैयार किया जाता है| 

थोड़े अधिक महत्व वाले कार्यों में जहाँ कंक्रीट ज्यादा मात्रा में चाहिए और कंक्रीट मैनुअल रूप से तैयार नहीं की जा सकती वहां कंक्रीट मिक्सर (small scale concrete mixer) का प्रयोग किया जाता है| जिसमें हम एक साथ निर्धारित सामग्री डाल देंगे और डीजल द्वारा संचालित मिक्सर उसे अच्छी तरह मिलाकर कंक्रीट तैयार करेगा| 

आज कल भारत में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जहाँ कंक्रीट की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता| यहाँ कंक्रीट का भारतीय मानक कोड के हिसाब से पहले डिज़ाइन मिक्स तैयार किया जाता है, जिसमें सीमेंट, रेता, रोड़ी और यहाँ तक की पानी और एडमिक्सचर का लेबोरेटरी में पहले परिक्षण करते हैं| फिर प्रत्येक को सही अनुपात में मिलाया जाता है, जिससे तैयार कंक्रीट को आसानी से साइट तक पहुँचाकर, इस्तेमाल किया जा सके| फिर इस तैयार कंक्रीट का भारतीय मानक कोड के अनुसार सभी टेस्ट किये जाते हैं| यदि सभी टेस्ट में डिज़ाइन मिक्स सफल होगा तभी उसे अपनी कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल किया जाता है| 

इस तरह की उच्च गुणवत्ता वाली कंक्रीट को हम कंक्रीट मिक्सर में नहीं बना सकते क्यूंकि थोड़ा सा भी अपने डिज़ाइन से अलग अनुपात हमें वांछित परिणाम नहीं देगा| इसके लिए हमें अपनी कंस्ट्रक्शन साइट के पास ही रेडी मिक्स्ड कंक्रीट का बैचिंग प्लांट स्थापित करना होगा|                

   

रेडी मिक्स्ड कंक्रीट (Ready Mixed Concrete)

जब किसी batching plant में कंक्रीट एक मिक्स डिज़ाइन के अनुपात से निर्मित होती है तो उसे Ready Mix Concrete कहते हैं| आमतौर पर रेडी मिक्स कंक्रीट को batching प्लांट से सीधा transit mixer truck (जिसे साइट भाषा में TM कहते हैं) में load करके, plastic state में ही कंस्ट्रक्शन साइट तक पहुंचाया जाता है| 


Transit Mixer Truck  में क्षमता अनुसार कंक्रीट लोड करी जाती है और निर्माण स्थल तक agitation के साथ ले जाया जाता है, जिससे कंक्रीट का प्लास्टिक स्टेट यानि workability बनी रहे| इस concrete transit mixing truck के ड्रम के इंटीरियर में एक spiral blade लगी होती है| एक दिशा में कंक्रीट ड्रम के घूमने से कंक्रीट ड्रम के अंदर की तरफ जाती है| इसे "charging" कहते हैं| जिस समय कंक्रीट को ड्रम में लोड करा जाता है उसकी घूमने की दिशा इसी तरफ होगी| साइट में Concrete placing के दौरान, ड्रम से कंक्रीट को निकालने के लिए विपरीत दिशा में इसे घुमाया जाता है| इसे "discharging" कहते हैं| 


कंक्रीट placing के दौरान TM में लगा chute सीधा कंक्रीट साइट के ऊपर ले जा सकते हैं| लेकिन अधिकतर जगह पर transit mixer truck कंक्रीट डालने की साइट तक नहीं पहुंच सकता, इसके लिए concrete pump उपयोग में लाया जाता है|         


TM को अक्सर बाहर से बोरे से लपेटकर गीला किया जाता है जिससे उसका तापमान नियंत्रण में रहे और ज्यादा देर तक उसकी workability बनी रहे| भारत में आप जो अक्सर रोड पर कंक्रीट TM देखते होंगे उनकी क्षमता 5-6 क्यूबिक मीटर (cum) हो सकती है|                   


Batching Plant क्या होता है और कैसे काम करता है 

एक कंक्रीट प्लांट, जिसे batch plant या batching plant के रूप में भी जाना जाता है, एक उपकरण है जो कंक्रीट बनाने के लिए अलग-अलग ingredients को जोड़ता है| जैसे: 

batching plant



सीमेंट (Cement): सीमेंट को पहले लाकर cement silo में भरा जाता है| एक silo की सीमेंट स्टोर रखने की क्षमता अलग-अलग हो सकती है जैसे 50 टन, 100 टन आदि| एक बार सीमेंट स्टोर करने के बाद हम आवश्यकता अनुसार (mix design) हर batch में सीमेंट को silo से निकालते हैं| 


concrete batching plant


रेता और रोड़ी (Sand and aggregate): रेता और रोड़ी (10mm या 20mm) को stack कर साइट पर रखा जाता है| Batching plant से ऑटोमैटिक ढंग से आवश्यकता अनुसार (mix design) sand और aggregate को लिया जाता है और batching प्लांट के mixing यूनिट में डाल दिया जाता है|    


पानी (Water): पानी कंक्रीट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्यूंकि पानी के साथ मिलकर ही सीमेंट का hydration होता है| Batching Plant के साथ ही पानी के लिए एक storage tank बनाया जाता है, जहाँ से पानी मिक्स डिज़ाइन के अनुसार ऑटोमैटिक हर batch  में मिल जाता है|        

concrete batching plant working


एडमिक्सचर (Admixture): आजकल कंक्रीट की गुणवत्ता बहुत मायने रखती है| इसलिए अलग-अलग प्रकार के एडमिक्सचर कंक्रीट के batch में मिलाते हैं| इनसे कंक्रीट ज्यादा workable, कम bleeding, ज्यादा या कम setting time और कम shrink हो सकती है| Batching Plant में एक जगह एडमिक्सचर को भी स्टोर किया जाता है, जहाँ से यह निरंतर batch अनुसार कंक्रीट में जोड़ा जाता है| 


Batching Plant की क्षमता उसके एक batch के volume पर निर्भर करती है| बाजार में उपलब्ध प्लांट के एक batch की क्षमता 0.5 cum, 1 cum, 1.5 cum आदि हो सकती है| 


उदहारण के तौर पर मानलो हमारे पास Schwing Stetter कंपनी का CP30 मॉडल का एक छोटा batching प्लांट स्थापित किया गया है, जिसकी एक batch की क्षमता 0.5cum है| तो एक 5 cum के TM में 10 batch कंक्रीट जायेगी| हमें कंक्रीट के बनने के process से पहले ही mix design अनुसार जानकारी enter करनी पड़ेगी| जिसके बाद स्वतः ही Batching Plant अपने हर ingredients के लिए लगाए गए load cell की मदद से उतनी ही भार की सामग्री एक batch में लेगा|                                     

Batching plant में हर batch के लिए सामग्री volume अनुसार नहीं बल्कि भार के अनुसार लिया जाता है|  
       

रेडी मिक्स्ड बैचिंग प्लांट को लेकर तकनिकी जानकारी         

Batching Plant के लिए भारतीय मानक कोड यानि IS code 4926 या 4925 का इस्तेमाल किया जाता है| Batching Plant की प्रमाणिकता की जांच करने के लिए उसकी समय-समय पर calibration की आवश्यकता होती है| इसके लिए हमें सामग्री की जगह standard weights डाल कर उसके on screen deviation को परखना होता है| अगर यह deviation (यदि हो) IS code अनुसार limits के अंदर है तो हमारा batching plant सही है अन्यथा इसमें रिपेयर की जरुरत है| 


अगर हमारा batching plant calibrated है, और mix design तैयार है, तो हमें सभी सामग्री (सीमेंट, सैंड, वाटर आदि) की पहले IS 456, अनुसार जांच करनी होती है| 

अगर इस जांच में यह सभी concrete ingredients, IS code के मानकों अनुसार पाए जाते हैं, तो हम साइट में कंक्रीट के लिए तैयार हो सकते हैं| 

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