निर्माण कार्य में सीमेंट की जांच (Testing of Cement) कैसे करते हैं

भारत जैसे विकासशील देश में निर्माण कार्य के लिए एक विशाल जगह है| और निर्माण कार्य में कंक्रीट एक पर्यायवाची सा लगता है| कंक्रीट में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री (ingredient) होती है सीमेंट| सीमेंट की गुणवत्ता सीधे तौर पर कंक्रीट की क्वालिटी पर प्रभाव डालती है| आइये जानते हैं निर्माण कार्य के दौरान हम सीमेंट की जांच कैसे कर सकते हैं| 

सीमेंट की जाँच/परीक्षण को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
Field Testing (फील्ड टेस्टिंग) और Laboratory Testing (लेबोरेटरी टेस्टिंग)

Field Testing (फील्ड टेस्टिंग)

महत्वपूर्ण कार्यों में सीमेंट के उपयोग से पहले उसकी फिजिकल और केमिकल दोनों तरह से जांच करी जाती है| और परिणाम अगर तय भारतीय मानकों के अनुसार आएं तो ही उसको प्रयोग में लाया जाता है| मात्र फील्ड टेस्टिंग से इन महत्वपूर्ण कार्यों में इस्तेमाल किये जाने वाले सीमेंट का परीक्षण नहीं किया जा सकता है| लेकिन कम महत्वपूर्ण वाले छोटे कार्यों में सीमेंट को हम फील्ड पर परख सकते हैं| 

  1. सीमेंट दिखने में आमतौर पर ग्रीनिश-ग्रे रंग का होना चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार के लम्प (गांठ) नहीं दिखाई देने चाहिए| 
  2. सीमेंट बैग में हाथ डालने से एक ठंडा एहसास होता है, और छूने से भी हाथ में किसी भी प्रकार का लम्प नहीं होना चाहिए| 
  3. चुटकी भर सीमेंट के दो उँगलियों के बीच में लेने से इसमें किरकरा एहसास नहीं होना चाहिए| 
  4. सीमेंट की एक मुट्ठी लें और पानी से भरी बाल्टी में फेंकने पर, सीमेंट के कर्ण डूबने से पहले कुछ समय तक तैरने चाहिए| 
  5. 100 ग्राम सीमेंट लें और थोड़े से पानी के साथ मिलाकर एक कड़ा पेस्ट बनाएं, अब इस पेस्ट से तेज किनारों वाला एक चपटा केक बनाए| इस केक पेस्ट को एक ग्लास की सतह पर रखकर पानी में डालें| पानी में डालते समय पेस्ट का आकार बना रहना चाहिए और 24 घंटे बाद यह कुछ ठोस हो जाना चाहिए|          

  

Laboratory Testing (लेबोरेटरी टेस्टिंग)

सीमेंट की लेबोरेटरी जांच को हम दो भागों में बाँट सकते हैं: फिजिकल टेस्टिंग और कैमिकल टेस्टिंग| 

Physical Testing (फिजिकल जाँच): सीमेंट की लेबोरेटरी फिजिकल जाँच में जो टेस्ट आते हैं वो इस प्रकार हैं

  1. Fineness (फाइननेस)
  2. Soundness (साउंडनेस)
  3. Compressive Strength (कंप्रेसिव स्ट्रेंथ)
  4. Initial and Final Setting Time (इनिशियल और फाइनल सेटिंग टाइम)

Chemical Testing (केमिकल जाँच): क्यूंकि एक उच्च गुणवत्ता वाले सीमेंट के पीछे उसकी रासायनिक सरंचना होती है, इसलिए भारतीय मानकों के अनुसार सीमेंट के प्रकार के हिसाब से उसके रसायनों की सीमा निर्धारित की गई है| जैसे सीमेंट में क्लोराइड कंटेंट (Chloride), मैग्नीशिया (magnesia) आदि कितना होना चाहिए|        
इसकी अधिक जानकारी भारतीय मानक 269 से प्राप्त की जा सकती है, जो सभी प्रकार के आर्डिनरी पोर्टलैंड सीमेंट (OPC) के लिए मान्य है| 

महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में उपयोग आने वाले सीमेंट की खरीद से पहले उसके निर्माता को क्लाइंट द्वारा मंजूरी मिलती है| सीमेंट के हर एक लोट (lot) के साथ सीमेंट कंपनी एक MTC (मटेरियल टेस्ट सर्टिफिकेट) जारी करती है, जिसमे फैक्ट्री में बने सीमेंट की प्रत्येक हप्ते (week) अनुसार जांच की जानकारी उपलब्ध होती है| अक्सर देखा गया है कि क्रॉस चेक (परिक्षण) के लिए सीमेंट को किसी थर्ड पार्टी (Third Party) द्वारा भी टेस्ट कराया जाता है| और इसके साथ ही प्रोजेक्ट साइट की क्वालिटी लेबोरेटरी में भी सीमेंट के फिजिकल टेस्ट किये जा सकते हैं|         

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