रेलवे बोर्ड (भारतीय रेल) की संगठनात्मक सरंचना और इतिहास (Organisational Structure of Railway board)

वर्तमान में भारतीय रेल को 18 जोन और 71 डिवीज़न में बांटा गया है| प्रत्येक जोन का नेतृत्व महाप्रबंधक (General Manager) करता है, जो रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट करता है| आइए जानते हैं रेलवे बोर्ड का इतिहास और उसकी संगठनात्मक सरंचना: 


railway board history



भारत सरकार का रेल मंत्रालय, भारत में रेल परिवहन के लिए जिम्मेदार है, क्यूंकि रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय के माध्यम से ही संसद को रिपोर्ट करता है| रेलवे बोर्ड की अध्यक्षता "चेयरमैन रेलवे बोर्ड" करता है, जिसमें उनके साथ वर्तमान में सात बोर्ड के सदस्य (members of railway board) हैं| इनके अलावा एक वित्तीय आयुक्त (Financial Commissioner) जो रेलवे बोर्ड में वित्तीय मंत्रालय के प्रतिनिधि हैं, डायरेक्टर-जनरल (रेलवे हेल्थ सर्विस), डायरेक्टर-जनरल (पर्सनल), डायरेक्टर-जनरल (रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स) भी इसमें सम्मिलित हैं| 
               
 रेल मंत्री (Railway Minister)अश्विनी वैष्णव 
 रेल राज्य मंत्री दर्शना विक्रम जरदोश
दानवे रावसाहेब दादाराव  
 चेयरमैन रेलवे बोर्ड (Chairman Railway Board) C.E.O जया वर्मा सिन्हा 
 मेंबर बोर्ड (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक) नवीन गुलाटी 
 मेंबर बोर्ड (ऑपरेशन और बिसनेस डेवलपमेंट) जया वर्मा सिन्हा 
 मेंबर बोर्ड (इंफ्रास्ट्रक्चर) रूप नारायण सुनकर 
 मेंबर बोर्ड (फाइनेंस) अंजलि गोयल
 ओ.एस.डी (सेफ्टी)   
 डायरेक्टर-जनरल (सेफ्टी)ब्रज कुमार अग्रवाल 
 डायरेक्टर-जनरल (रेलवे हेल्थ सर्विस)डॉ सुगंधा रहा        
 डायरेक्टर-जनरल (ह्यूमन रिसोर्स HR)मोहित सिन्हा 
 डायरेक्टर-जनरल (रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स)संजय चन्दर 
*(L/A -Looking After) 

रेलवे बोर्ड का इतिहास और वर्तमान स्थिति 

रेलवे के प्रशासन और कामकाज को लेकर 1901 में सर थॉमस रॉबर्ट्सन समिति की सिफारिशों पर रेलवे बोर्ड का एक शुरूआती संस्करण का गठन किया गया| 1905 में लार्ड कर्ज़न की सरकार ने इस बोर्ड को सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग के अंतर्गत रख कर एक औपचारिक रूप दिया|    

01 अप्रैल 1921 में Acworth समिति की सिफारिशों के अनुसार रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन किया गया| रेलवे बोर्ड में एक चीफ कमिश्नर की नियुक्ति की गई जिसे तकनिकी मामलों पर निर्णय लेने और निति के मामलों पर सरकार को सलाह देने की जिम्मेदारी सौंपी गई| चीफ कमिश्नर के साथ एक फाइनेंस कमिश्नर और दो बोर्ड के सदस्य शामिल थे जिनमें से एक को "पी.वे, वर्क्स, स्टोर और प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी और दूसरे को सामान्य प्रशासन, कर्मचारियों और ट्रैफिक की जिम्मेदारी दी गई थी| 

रेल यातायात के प्रभारी बोर्ड सदस्य को ट्रेन ट्रैफिक में अधिक ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से 1929 में सदस्य स्तर पर एक अतिरिक्त पद (Member Staff) जोड़ा गया जिसे कर्मचारियों की जिम्मेदारी सौपी गई|    

" Frank D'Souza रेलवे बोर्ड के पहले भारतीय सदस्य थे "

भारत को ब्रिटिश राज से स्वतंत्रता मिलने के बाद अप्रैल 1951 में रेलवे बोर्ड से चीफ कमिश्नर के पद को समाप्त कर दिया गया और चार सदस्य वाले बोर्ड में सबसे वरिष्ठ सदस्य को बोर्ड का अध्यक्ष (Chairman Railway Board) नियुक्त किया गया| अक्टूबर 1954 में चेयरमैन रेलवे बोर्ड को रेल मंत्रालय में सरकार के सचिव के दर्ज़े के साथ तकनिकी और नीतिगत मामलों के निर्णयों के लिए जिम्मेदार बनाया गया| इसके साथ एक और बोर्ड सदस्य का पद जोड़ने के कारण, फिर से रेलवे बोर्ड के सदस्यों की संख्या पाँच हो गई|

1988 में सिग्नल, टेलीकम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रिकल मामलों की जिम्मेदारी के साथ बोर्ड के एक और सदस्य पद को जोड़ा गया| 16 अप्रैल 2019 को रेलवे बोर्ड में दो और सदस्य पद शामिल हुए जिसके बाद कुल सदस्यों की संख्या आठ (चेयरमैन रेलवे बोर्ड को लेकर) हो गई| इन शामिल दोनों पद में से एक को सिग्नल और टेलीकम्यूनिकेशन और दूसरे को मटेरियल मैनेजमेंट (Material Management) की जिम्मेदारी दी गई|     

केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को बोर्ड के आकार को आठ से पाँच करने का फैसला लिया| नए गठित बोर्ड में पाँच सदस्य-ऑपरेशन, बिज़नेस डेवलपमेंट, ह्यूमन रिसोर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंस के होंगे| इस समय यह भी निर्णय लिया गया कि भविष्य में रेलवे के अलग-अलग कैडर के बजाय एक रेलवे मैनेजमेंट सर्विस में विलय करा जाएगा|   
    

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