Calculating Gratuity | भारतीय रेलवे में ग्रेच्युटी कैसे निकालें

Gratuity Calculator

नए पेंशन नियमों के अनुसार अपनी ग्रेच्युटी राशि की गणना करें 
मूल वेतन (Basic)
महंगाई भत्ता DA (प्रतिशत में)

रिटायरमेंट/ मृत्यु की तारीख (DOR):
D- M- YYYY-

नियुक्ति की तारीख (DOA):
D- M- YYYY-

रिटायरमेंट ग्रेच्युटी राशि: 
डेथ ग्रेच्युटी राशि:


रेलवे में ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी वह रकम होती है जो कर्मचारी को संस्था या नियोक्ता की तरफ से दी जाती है| भारतीय रेलवे में रेल कर्मचारी को रेलवे की तरफ से नौकरी छोड़ने पर, नौकरी से हटाए जाने पर, रिटायरमेंट के समय या कर्मचारी की मृत्यु या दुर्घटना की वजह से उसके नौकरी छोड़ने की स्थिति में भी उसे या उसके नॉमिनी को ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है| इसके लिए रेल कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाती|  

मिलने वाली ग्रेच्युटी को हम दो-तीन भागों में बाँट सकते हैं-   

रिटायरमेंट ग्रेच्युटी 
रिटायरमेंट ग्रेच्युटी सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को नियोक्ता (भारतीय रेल) द्वारा दी जाती है| रिटायरमेंट ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारी की पांच वर्ष की नौकरी होना आवश्यक है, यानि रेलवे कर्मचारी को रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का हकदार होने के लिए पांच साल की अर्हक रेल सेवा देनी होती है| सातवे वेतन आयोग के अनुसार 01 जनवरी 2016 के बाद रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रूपए कर दी गई है| सेवानिवृत्त ग्रेच्युटी (रिटायरमेंट ग्रेच्युटी) की गणना आखिर में मिले एक महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के एक चौथाई हिस्से से की जाती है और रेलवे कर्मचारी की प्रत्येक छह महीने की क्वालीफाइंग रेल सेवा के लिए यह रकम दी जाती है| 33 वर्ष या उससे अधिक की अर्हक रेल सेवा के लिए देय सेवानिवृत्त ग्रेच्युटी बेसिक प्लस डी.ए का 16.5 गुना या अधिकतम 20 लाख रूपए है| महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत तक बढ़ाई जायेगी|    

पहले रिटायरमेंट ग्रेच्युटी सभी सरकारी कर्मचारियों को जो CCS पेंशन 1972 के अंतर्गत आते हैं प्रदान की जाती थी| 2016 में DOPT मंत्रालय ने इसे NPS कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया|     

सर्विस ग्रेच्युटी 

सर्विस ग्रेच्युटी, CCS पेंशन 1972 के नियमों के अंतर्गत आने वाले उन सभी पात्र सरकारी कर्मचारियों को दी जाती है, जो पेंशन के लिए क्वालीफाई नहीं होते या हम कह सकते हैं जिनकी क्वालीफाइंग सर्विस 10 वर्ष से कम होती है| जो रेल/ सरकारी सेवक अपनी 5 साल से अधिक सेवा दे चुके हैं, और 10 साल की सर्विस से पहले रिटायर हो रहे हैं, वह रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और सर्विस ग्रेच्युटी दोनों के हकदार होते हैं| 10 साल से पहले नौकरी छोड़ते समय/ रिटायरमेंट के समय हर छह माह की अर्हक सेवा के लिए आखिरी मिले वाले वेतन का आधा, सर्विस ग्रेच्युटी के रूप में दिया जाता है|    

अगर CCS 1972 पेंशन रूल के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की सर्विस 10 वर्ष से अधिक होती है, तो उन्हें आखिर में मिले वेतन का आधा (बेसिक/2 +DA) मासिक पेंशन के रूप में और साथ में नियम अनुसार रिटायरमेंट ग्रेच्युटी दी जाती है|        

डेथ ग्रेच्युटी 
डेथ ग्रेच्युटी, रेल सेवा में रेलवे कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके नामित या परिवार सदस्य को एकमुश्त लाभ के रूप में दिया जाने वाली रकम है| मृत रेल कर्मचारी द्वारा प्रदान की गई किसी भी न्यूनतम सेवा अवधि के लिए कोई भी शर्त नहीं रखी गई है| यानी हर रेल कर्मचारी के परिवार सदस्य को डेथ ग्रेच्युटी मिलती है| पहले डेथ ग्रेच्युटी CCS 1972 के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए ही मान्य थी, लेकिन भारत सरकार के 2016 में आये एक सर्कुलर से नेशनल पेंशन स्कीम से कवर कर्मचारी भी डेथ ग्रेच्युटी के लिए पात्र हो गए हैं|  इसकी पात्रता इस प्रकार है: 
                
 क्वालीफाइंग सर्विस   रेट 
 एक वर्ष से कम  मूल वेतन का 2 गुना 
 एक वर्ष या अधिक लेकिन पांच वर्ष से कम  मूल वेतन का 6 गुना 
 पांच वर्ष या अधिक लेकिन ग्यारह वर्ष से कम  मूल वेतन का 12 गुना  
 ग्यारह वर्ष या अधिक लेकिन बीस वर्ष से कम मूल वेतन का 20 गुना
 बीस वर्ष से अधिक  अर्हक सेवा की प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक एमोलूमेंट्स का आधा, अधिकतम एमोलूमेंट्स का 33 गुना   

IT एक्ट सेक्शन 10-(10)(i) के अनुसार रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता| प्राइवेट छेत्र में यदि किसी कर्मचारी को 20 लाख की अधिकतम सीमा से ऊपर गग्रेच्युटी मिलती है, तो 20 लाख से अधिक राशि पर टैक्स लगाया जाता है|     

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