विश्व गौरैया दिवस | World Sparrow Day 2023 | House Sparrow meaning in hindi

World Sparrow Day 2023: घर-आँगन में चहकती चिड़ियों में आम समझी जाने वाली गौरैया चिड़िया आज विलुप्त होने की दिशा की ओर खड़ी दिखाई पड़ रही है| प्रकृति के इस अद्धभुत जीव की कम होती संख्या के पीछे का कारण मानवीय गतिविधियाँ ही है| इसलिए वर्तमान समय में सामान्य जैव विविधता या निम्न सरंक्षण स्थिति की प्रजातियों के सरंक्षण की आवश्यकता पर जागरूकता होना बहुत जरुरी हो गया है| इसके लिए वर्ष में एक दिन घरेलू गौरैया (House Sparrow) और अन्य आम पक्षियों के लिए "विश्व स्पैरो डे" के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं वर्ल्ड स्पैरो डे (विश्व गौरैया दिवस 2023) कब मनाया जाता है और क्या है इसका महत्व:   

vishwa gauraiya diwas 2022


उत्तरी अफ्रीका से उत्पन्न हुई घरेलु गौरैया (House Sparrow) चिड़िया दुनिया के दूसरे हिस्सों में अपना आशियाना बनाती चली गई| आमतौर पर गली मौहल्लों में आसानी से दिखाई देने वाली घरेलु गौरैया, पिछले कुछ वर्षों में विलुप्त सी हो गई है| गौरैया मनुष्य के आसपास ही रहना पसंद करती है| वर्तमान समय में शहरी इलाके कंक्रीट के जंगल की तरह हो गए हैं जिसके कारण घरेलु गौरैया का आवास ख़त्म होता जा रहा है| इसके सरंक्षण को ध्यान में रखते हुए ही वर्ल्ड स्पैरो डे (House Sparrow Day) यानि विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है|  

विश्व गौरैया दिवस कब मनाया जाता है (World Sparrow Day is Celebrated on)

वर्ल्ड स्पैरो डे यानि विश्व गौरैया दिवस (House Sparrow Day) प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है| यह इको-सिस एक्शन फाउंडेशन (फ्रांस) और दुनिया भर के कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया द्वारा एक अंतराष्ट्रीय पहल है| द नेचर फॉरएवर सोसाइटी की शुरुआत भारतीय सरंक्षणवादी मोहम्मद दिलावर ने की थी, जिन्होनें नासिक में हाउस स्पैरो की मदद के लिए काम शुरू किया था|  

वर्ल्ड स्पैरो डे (House Sparrow Day) मनाए जाने का विचार, सर्प्रथम, नेचर फॉरएवर सोसाइटी की एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान आया था| घरेलु गौरैया के लिए एक दिन निर्धारित करने और जैव विविधता की सुंदरता की सराहना करना इसका मुख्य फोकस था| विश्व गौरैया दिवस का उद्देश्य घरेलू गौरैया के साथ अन्य आम पक्षियों के लिए शहरी वातावरण के कारण उनकी आबादी के लिए खतरों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है| विश्व का पहला वर्ल्ड स्पैरो डे वर्ष 2010 में मनाया गया| 

हाउस स्पैरो की कम होती संख्या 

पिछले कुछ वर्षों में घरेलु गौरैया (House Sparrow) की कम होती संख्या चिंता का विषय बन गई है| वर्तमान में इस पक्षी के विलुप्त होने की दिशा की ओर बढ़ने के पीछे का मुख्य कारण शहरीकरण, प्रदुषण और विकिरण से शहरों का बढ़ता तापमान और वातावरण में मौजूद हानिकारक तरंगे मानी जा रही हैं| इसके साथ डीडीटी और अन्य कीटनाशकों का प्रयोग भी इन पक्षियों के लिए नुकसानदायक है, इससे इनकी प्रजनन क्षमता बहुत कम हो जाती है| 

विश्व गौरैया दिवस का महत्व 

वर्ष में एक दिन घरेलु गौरैया और उस जैसी निम्न सरंक्षण स्थिति वाली प्रजातियों के लिए केंद्रित होने से लोगों का ध्यान इनकी देखरेख और सुरक्षा की तरफ जाता है| विश्व गौरैया दिवस में एक ऐसा मंच प्रदान करने का व्यापक दृष्टिकोण भी है जहाँ पर इस तरफ काम कर रहे लोग, सरंक्षण और सहयोग विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं जिससे भविष्य में बेहतर परिणाम पाने की उम्मीद की जा सकती है| घरेलु गौरैया को वर्ष 2012 में दिल्ली की राजपक्षी के रूप में अपनाया गया है| 

House Sparrow (घरेलु गौरैया) 

शहरी इलाकों में छह तरह के स्पैरो पाए जाते हैं- हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो| इनमें से हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है| शहरों, खेतों, कस्बों और खेतों के आसपास पाई जाने वाली गौरैया हर तरह की जलवायु पसंद करती है| 

Sparrow in Hindi: "गौरैया"
House Sparrow in Hindi: "घरेलु गौरैया"

House Sparrow Scientific Name: "Passer Domesticus" 

male house sparrow

Male Sparrow: नर गौरैया के सर का ऊपरी भाग, नीचे का भाग भूरे रंग का होता है| गला, चोंच और आखों पर काला रंग होता है|   

female house sparrow in hindi

Female Sparrow: मादा गौरैया के सर और गले पर भूरा रंग नहीं होता|  

घरेलु गौरैया को कैसे बचाएं (How to Save House Sparrow)

घरेलु गौरैया को बचाना बहुत मुश्किल काम नहीं है| शहरों में रह रहे लोग भी इनके सरंक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं| इसके लिए घरेलु गौरैया के रहने के लिए एक उचित स्थान उपलब्ध करा सकते हैं| घर की बालकनी में ही एक बर्ड हाउस लगा कर और उसके साथ एक मिट्टी के बर्तन में पानी और कुछ अनाज रख, लोग गौरैया को बचा सकते हैं| 

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