भारतीय रेलवे में कर्मचारियों को उनकी जमा LHAP के आधार पर Commuted Leave देने का प्रावधान है| तो कैसे और कब एक रेलवे सेवक Commuted Leave ले सकता है? आइये जानते हैं रेलवे में Commuted Leave के नियम:
- एक रेलवे कर्मचारी को उसकी जमा/बची हुई half pay leave (LHAP) के आधे दिनों तक की छुट्टियां Commuted Leave के तौर पर सैंक्शन हो सकती हैं|
- Commuted Leave एक रेलवे सेवक को मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर तब दी जाती है जब लीव सैंक्शन करने वाली कम्पीटेंट ऑथोरिटी संतुष्ट हो कि छुट्टियों की समाप्ति पर कर्मचारी के काम पर लौटने की उचित सम्भावनाएं हैं|
- कर्मचारी को commuted लीव देने पर उसके लीव खाते से इन छुट्टियों की दोगुनी संख्या की half pay leave डेबिट कर ली जाती हैं|
- रेलवे कर्मचारी की पूरी सर्विस के दौरान ली जाने वाली commuted लीव की कोई सीमा नहीं है| इसके लिए बस उसके खाते में दोगुनी LHAP जमा होनी चाहिए होती हैं|
- किसी प्रकार के अध्ययन के लिए ली जाने वाली commuted leave, जो लीव सैंक्शन करने वाली ऑथिरिटी द्वारा जनहित के लिए प्रमाणित हो, पूरी सर्विस में अधिकतम 180 दिनों के लिए ली जा सकती है|
- रेलवे कर्मचारी के निवेदन पर,भले ही उसके खाते में LAP जमा हों, उसे Commuted Leave के तौर पर छुट्टियां दी जा सकती हैं|
क्या होता है अगर Commuted Leave के दौरान रेल कर्मचारी त्यागपत्र सौंप दे
- यदि कोई रेलवे कर्मचारी जिसे commuted leave दी गई हैं अपना त्यागपत्र सौंप दे या बिना ड्यूटी पर लौटे खुद के निवेदन पर उसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मंजूरी मिल जाए, तो उसे दी गई commuted लीव को half average pay लीव समझा जाता है| इस केस में commuted लीव और LHAP (हॉफ पे लीव) के अंतर में मिली सैलरी की उससे रिकवरी की जाती है|
- Commuted लीव के दौरान मृत्यु होने पर या खराब सेहत के आधार पर उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति मिलने पर किसी भी प्रकार की रिकवरी नहीं की जाती है|
Commuted Leave को जमा LHAP के आधार पर सैंक्शन किया है| रेलवे टीचर के लिए half pay leave जैसी कोई छुट्टियां जमा नहीं होती इसलिए Commuted Leave के रूप में ,मिलने वाली छुट्टियों का कोई सवाल ही नहीं उठता|
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