HO Quota in Railway: रेलवे में बर्थ आरक्षित करवाने के लिए कई तरह के कोटा होते हैं| भारतीय रेलवे ने अंतिम क्षणों में टिकट बुक करने वालों के लिए भी तत्काल कोटा या प्रीमियम तत्काल कोटा रखा हुआ है| एक ऐसा ही कोटा और होता है जिसके उपयोग से ट्रेन का चार्ट बनने के समय भी आरक्षित कन्फर्म बर्थ प्राप्त हो सकती है| यह कोटा है एचओ कोटा (HO Quota), जिसे इमरजेंसी कोटा या वीआईपी कोटा भी कहते हैं| आइये जानते हैं एचओ कोटा से कौन कन्फर्म बर्थ प्राप्त कर सकता है (HO Quota in Railway) और इसके लिए क्या करना होता है:
HO Quota Full Form in Railway
रेलवे में एचओ कोटा का मतलब होता है हेडक्वार्टर कोटा या हाई ऑफिसियल कोटा|
HO Quota Full Form: Headquarter/ High Official Quota
एचओ कोटा रेलवे द्वारा मूल रूप से उच्च रेलवे अधिकारियों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, न्यायाधीशों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आपातकालीन मामलों में बर्थ आवंटन के लिए एक प्रकार का कोटा है|
एचओ कोटे में ट्रेन के आधार पर सीट होती हैं| आमतौर पर इनकी संख्या बहुत कम होती है| वास्तविक आवश्यकताओं के आधार पर समय-समय पर इन सीटों की संख्या की समीक्षा की जाती है|
एचओ कोटे का उपयोग तब किया जा सकता है जब टिकट पहले से ही सामान्य रूप से बुक किया गया हो और प्रतीक्षा सूची में हो| जिस किसी के पास रेलवे का टिकट हो फिर चाहे वह काउंटर से लिया हो या आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन और जो यात्रा की तात्कालिकता साबित कर सकता है, वह इस कोटे के तहत सीटें पाने के लिए पात्र होता है|
रेलवे में एचओ कोटा के तहत बर्थ प्राप्त करने के लिए आवेदन देना होता है| रेलवे द्वारा सभी आवेदन प्राप्त करने के बाद, एक निश्चित प्राथमिकता का पालन करते हुए बर्थ आवंटित किये जाते हैं|
कैसे कर सकते हैं आम आदमी एचओ कोटा के लिए आवेदन
आम आदमी भी इस कोटे के लिए आवेदन कर सकता है| एचओ कोटे के लिए आवेदन करने के लिए यात्रा की तारीख की एक सुबह पहले आपातकालीन स्थिति को साबित करने वाले सभी दस्तावेजों के साथ मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक को अनुरोध करते हुए आवेदन (इमरजेंसी कोटा (EQ) फॉर्म) प्रस्तुत करना होता है| इसके अलावा एचओ कोटे से बर्थ जारी करने के लिए लिखित अनुरोध (आवेदन) पर राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर करवाने होते हैं|
रेलवे द्वारा प्राप्त सभी आवेदनों को एक साथ समूहीकृत किया जाता है और प्राथमिकताओं के आधार पर क्रमबद्ध किया जाता है| इसके बाद मंडल/ जोनल कार्यालय या क्षेत्र प्रबंधक (एएम) को सूचित किया जाता है| आवेदन सीधे मंडल कार्यालय में भी भेज सकते हैं| सीसीएम या डीआरएम की मंजूरी से सीटें आवंटित की जाती हैं| रेल मंडल में अगर किसी के अच्छे संपर्क हैं तो उसके प्राथमिकता सूची में शामिल होने की संभावना होती है|
आम इंसानों के लिए सीधे आवेदन करने की स्थिति में एचओ कोटा की क्रमबद्ध सूची में प्राथमिकता कम होने के कारण बर्थ कन्फर्म होने की संभावनाएं काफी कम होती हैं|
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