इंद्रधनुष कैसे बनता है | About Rainbow in Hindi

About Rainbow in Hindi: बारिश होने के बाद सूर्य की विपरीत दिशा में आसमान में सात रंगों का इंद्रधनुष दिखाई देता है| पर ऐसा नहीं है कि इंद्रधनुष केवल बारिश के बाद ही दिखाई देगा| यह धूप पड़ने पर किसी झरने यह फुहारे के पास भी दिखाई दे सकता है| क्या है इसके पीछे का विज्ञान, आइये जानते हैं इन्द्रधनुष आखिर होता है और यह कैसे और क्यों बनता है? (About Rainbow in Hindi):

indradhanush kaise banta hai

इंद्रधनुष क्या होता है (What is Rainbow in Hindi)

आसान शब्दों में एक इंद्रधनुष एक बहुरंगी आर्क होती है जो सूरज की रोशनी के हवा में मौजूद पानी की छोटी-छोटी बूंदों पर पड़ने से बनती है| इसी कारण इंद्रधनुष को "रेनबो"/Rainbow भी कहते हैं, जहाँ पर रेन (Rain) का मतलब बारिश और बो (Bow) का अर्थ धनुष से है| यानि बारिश के बाद आसमान में धनुष के आकार की जो रंगीन आकृति बनती है उसे ही रेनबो या इंद्रधनुष कहते हैं|  

refraction of light

असल में सूर्य का प्रकाश सफेद दिखाई देता है पर ऐसा होता नहीं है| वो अलग-अलग सात रंगों से मिलकर बना होता है| उदहारण के रूप में जब एक प्रिज़म में से होकर सूर्य का प्रकाश को गुजारते हैं तो यह सात अलग-अलग रंगों की पट्टी में विभाजित हो जाता है| विज्ञान की भाषा में इस परिघटना को 'प्रकाश का अपवर्तन' (Refraction of Light) कहते हैं| 


रोशनी का अपवर्तन (Refraction of Light)

अपवर्तन वह घटना है जिसमें जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में यात्रा करता है, तो यह प्रसार की दिशा को थोड़ा बदल देता है।

how rainbow is formed

जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है, तो उसकी दिशा में थोड़ा बदलाव आ जाता है| यह प्रसार की दिशा में बदलाव प्रकाश के अपवर्तन यानि "रिफ्रक्शन ऑफ़ लाइट" के कारण होता है| अलग-अलग माध्यम का अलग ऑप्टिकल घनत्व (Optical Density) होता है| जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे में प्रवेश करता है तो प्रकाश किरण अपना वेग बदलती है|  

सफेद प्रकाश में सात अलग-अलग रंग होते हैं जिनमें प्रत्येक रंग की अपनी वेवलेंथ (Wavelength) होती है| जब सफेद प्रकाश अपना माध्यम बदलता है तो वह अपवर्तन का अनुभव करता है, जिससे यह सात अलग-अलग रंगों में विभाजित हो जाता है| चूंकि प्रत्येक रंग के लिए वेव लेंथ अलग है, इसलिए प्रकाश वेव लेंथ के आधार पर कम या ज्यादा झुक जाता है| इस घटना को सफेद प्रकाश का फैलाव (Dispersion of Light) कहते है| 

indradhanush kya hota hai

इंद्रधनुष कैसे बनता है (How rainbow is formed)

बारिश के दौरान हवा में पानी के कण मौजूद रहते हैं| जब बारिश के दौरान या बाद में धूप पड़ती है, तो सूरज की रोशनी इन पानी की बूंदों से होकर गुजरती है| जैसा की ऊपर बताया है सूरज की रोशनी सफेद रोशनी होती है जिसमें सात रंग होते हैं| जब यह सफेद प्रकाश इन पानी की बूंदों के माध्यम से अपवर्तन (Reflection) का अनुभव करता है, तो प्रकाश का फैलाव (Dispersion of Light) होता है| 

पानी की बूंदों से गुजरने पर सूरज की रोशनी या छितरी हुई किरणें कुल आंतरिक प्रतिबिंब (Total Internal Reflection) का सामना करती हैं| और यह प्रकाश पानी की बूंद की सतह से एक बार फिर अपवर्तन का अनुभव करने के बाद, एक इंद्रधनुष बनाता है| 

इंद्रधनुष सूर्य की विपरीत दिशा में बनता है 

इंद्रधनुष (रेनबो) में बैगनी, इंडिगो, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग दिखाई देते हैं| इन्हीं सात रंगों से मिलकर सूर्य का प्रकाश बना होता है और ऐसा कहा जाता है कि इंद्रधनुष को देखने के लिए पीठ हमेशा सूरज की तरफ होनी चाहिए| ऐसा इसलिए क्योंकि इंद्रधनुष हमेशा सूर्य की विपरीत दिशा में बनता है| मतलब की सुबह इंद्रधनुष हमेशा पश्चिम दिशा में बनेगा इसलिए इंद्रधनुष देखने के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुँह करना होगा| इसी तरह से शाम के समय इंद्रधनुष हमेशा पूर्व दिशा में बनते हुए देखा जा सकता है| इसका कारण यह है कि जब प्रकाश पीछे से होकर पानी की बूंदों से होकर गुजरेगा, तभी अपवर्तन, कुल आंतरिक प्रतिबिंब, और फिर से अपवर्तन प्रक्रिया पूरी कर सामने दिखाई पड़ेगा| 

rainbow in fountain

बारिश के मौसम में धूप पड़ने के अलावा, पानी के फव्वारों तथा झरनों के पास भी इंद्रधनुष की सुंदरता को निहारा जा सकता है| 


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