मतदाता दिवस कब मनाया जाता है | National Voters Day 2023 Date

National Voter Day 2023: भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में मतदान की शक्ति का अपना ही महत्व होता है क्यूंकि इसी पर जनता द्वारा चुनी हुई सरकार सत्ता पर बैठ देश/राज्य चलाने का कार्य करती है और उनकी होने वाली रणनीति पर ही देश या राज्य का भविष्य निर्भर होता है| ऐसे में अप्रत्यक्ष रूप से ही देश का मतदाता ही देश का भविष्य तय करता है| साल का एक दिन मतदाताओं को वोट देने के लिए जागरूक करने उनकी ताकत का एहसास दिलाने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voter Day 2023) के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं मतदाता दिवस कब है (National Voter Day 2023 Date) और क्या है इसका महत्त्व और उद्देश्य:
national voter day 2023
          

मतदाता दिवस कब है (National Voter Day) 

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voter's Day) हर साल 25 जनवरी को मनाते हैं| भारत निर्वाचन आयोग 25 जनवरी 2023 को 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है| 

मतदाता दिवस 2023 का विषय (National Voter Day 2023 Theme)

इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voter Day 2023 Theme) का विषय 'नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर' मतदाताओं को समर्पित है जो वोट की शक्ति के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के प्रति व्यक्ति की भावना और आकांक्षा को व्यक्त करता है| 
National Voter Day 2023 Theme: "Nothing Like Voting, I Vote for Sure"
national voter day 2023 theme
इसके लोगो को चुनाव प्रक्रिया के उत्सव और समावेशिता को प्रदर्शित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है| इसकी पृष्ठभूमि में अशोक चक्र दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि स्याही लगी उंगली देश के प्रत्येक मतदाता की भागीदारी का प्रतिनिधित्व करती है| इस लोगो में जो टिकमार्क है वो मतदाता द्वारा सूचित निर्णय लेने का प्रतीक है|

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 (National Voters Day)

यह देखा गया कि 18 साल की आयु पूरी होने पर नए मतदाता अपना नाम मतदाता सूचि में दाखिल कराने में कम रूचि दिखाते हैं| इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने देश भर के लाखों मतदान केंद्रों में से प्रत्येक में 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करने के लिए जोरदार अभ्यास करने का निर्णय किया| सभी पात्र मदताओं की पहचान कर 25 जनवरी को उनका चुनावी पहचान पत्र सौंपा गया| यह आयोग के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए 25 जनवरी 2011 से शुरू किया गया| 25 जनवरी 1950 में चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी| 
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 25 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह को संबोधित किया| इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने 2022 के दौरान चुनावों के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए| इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी सफलता है कि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आम मतदाता को लगता है कि देश या राज्य पर कौन और कैसे शासन करेगा, यह तय करने में उसकी प्रमुख भूमिका है| उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र संविधान में निहित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है| 
राष्ट्रपति ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार से 'प्रथम नागरिक का चुनाव - भारत के राष्ट्रपति चुनावों का एक सचित्र क्रॉनिकल' नामक पुस्तक की पहली प्रति प्राप्त की| यह पुस्तक देश में राष्ट्रपति चुनाव की ऐतिहासिक यात्रा की झलक देती है| 

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व और उद्देश्य 

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का दिन मनाने का उद्देश्य सभी युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में नामांकित करना है| इसके साथ उन्हें मतदान करने के लिए जागरूक करना है जिससे राजनितिक प्रगति में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके| इस दिन भाषण प्रतियोगिता, वोटर कार्ड वितरण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं| नेशनल वोटर डे को राष्ट्रीय, राज्य, जिला, निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र स्तरों पर मनाया जाता है, जो इसे देश के सबसे बड़े समारोहों में से एक बनाता है|

भारत के मतदाता 

भारत की जनसँख्या विश्व में दूसरे पायदान पर है और इसके साथ यह विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है| यहाँ हर किसी को अपने-अपने मुद्दों को लेकर अपने मत के द्वारा अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है| हमारे देश में 90 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं| 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत सर्वाधिक 67% रहा था| और इसमें महिलाओं की भागीदारी भी आज तक की सबसे अधिक रही| 

भारत के सभी नागरिकों को जाति, रंग या अधीनता की पिछली शर्तों की परवाह किये बिना, नागरिकता अधिनियम के तहत वोट देने का अधिकार है जो उन्हें 15वें संशोधन के तहत सुरक्षा प्रदान करता है| 

चुनाव आयोग के अनुसार नागरिक निम्नलिखित शर्त के तहत मतदाता बनने के योग्य है- 

1. प्रत्येक नागरिक जो योग्यता तिथि पर 18 वर्ष का है और अयोग्य घोषित नहीं किया गया है| 
2. उसका नामांकन निवास के सामान्य स्थान पर है| 
3. केवल 1 ही स्थान पर नामांकन है| 
4. विदेशी भारतीय को उनके पासपोर्ट पर दिए गए पते का आमतौर पर निवासी समझा जाता है| 
5. सेवा मतदाताओं को आमतौर पर उनके घर के पते का निवासी माना जाता है| 

NATIONAL VOTER DAY RASHTRIYA MATDATA DIWAS

एक व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है, उसे मतदाता सूचि में शामिल नहीं किया जा सकता है| एक बार कोई नागरिक जब मतदान करने के योग्य हो जाता है और एक मतदाता के रूप में नामांकन कर लेता है तो चुनाव आयोग द्वारा मतदाता पर्ची जारी की जाती है जो मतदाता सूची में नागरिकों के नाम की पुष्टि करती है| यह स्लिप इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन द्वारा मान्यता प्राप्त एक फोटो पहचान पत्र के साथ, वोटर कार्ड के रूप में कार्य कर सकती है| यदि किसी नागरिक को मतदाता पर्ची प्राप्त नहीं होती तो वह इसके लिए ऑनलाइन जांच कर सकते हैं|          

चुनाव आयोग (Election Commission of India)         

भारत में चुनाव आयोग 25 जनवरी 1950 को स्थापित हुआ| यह एक स्वायत्त सवैंधानिक प्राधिकरण (autonomous constitutional authority) है जो भारत में राज्य और केंद्र चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है| यह लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभा, प्रेजिडेंट और वाईस प्रेजिडेंट के चुनाव कराता है| चुनाव आयोग  अनुच्छेद 324 के अनुसार सविंधान के अधिकार के तहत काम करता है|   
   
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1.

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