विश्व सुनामी जागरूकता दिवस कब मनाते हैं | World Tsunami Awareness Day 2023

05 Nov: World Tsunami Awareness Day-वर्ल्ड सुनामी अवेयरनेस डे- विश्व सुनामी जागरूकता दिवस

world tsunami awareness day

दुनिया भर में समुंद्र से उत्पन्न हुई आपदाओं की खबरें हम समय-समय पर सुनते रहते हैं| लेकिन उन सभी की उत्पत्ति का कारण एक ही हो ऐसा जरुरी नहीं| अलग-अलग कारणों से आने वाली हर आफत तबाही का मंजर ला सकती है| समुन्द्र से आने वाली ऐसी एक आफत को हम 'सुनामी' कहते हैं|

सुनामी के बारे में जानकारी- About Tsunami 

व्हाट इस सुनामी| हाउ अरे सुनामी जनरेटेड| सुनामी मीन्स| स्पीड एंड हाइट ऑफ़ सुनामी  

सुनामी क्या है (What is Tsunami?)

हमारी पृथ्वी को नीला गृह भी कहते हैं क्यूंकि इसके ज्यादातर भाग में पानी अर्थात समुन्द्र है| जब इसी सागर में पानी के नीचे भूकंप, भूस्खलन या ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो महासागर में बड़ी लहरें उठती हैं जिन्हे सुनामी कहा जाता है| यह ज्वार की लहरें नहीं होती जो चन्द्रमा, सूरज या दूसरे ग्रहों के कारण आती हैं और पानी आगे पीछे बढ़ता है| सुनामी की लहरों से पानी सीधा तटीय छेत्रों की तरफ बढ़ता है| यही कारण है सुनामी बहुत नुक्सान पहुंचाती है|

सुनामी कैसे बनती हैं (How are Tsunami generated?)

सुनामी समुन्द्र तल में होने वाली कोई भी बड़ी और इम्पल्सिव विस्थापन (displacement) द्वारा उत्पन्न हो सकती है| सुनामी का सबसे बड़ा कारण सागर के तल का उत्थान(uplift) है जो भूकंप, समुन्द्र के नीचे भूस्खलन, और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी गतिविधि से हो सकता है|

सुनामी का क्या मतलब होता है(What does the word Tsunami mean?)     

सुनामी-Tsunami (soo-NAH-mee) एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ 'harbor wave'(बंदरगाह की लहर) होता है|

सुनामी का आकार और गति (How big and fast is a tsunami?)

सुनामी की गति पानी की गहराई पर निर्भर करती है जिसमें से वह आगे बढ़ती है| गहरे पानी में यह तेजी से बढ़ती है जबकि कम गहरे में इसकी गति भी कम हो जाती है| सुनामी की गति 800 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है|

सुनामी का आकार कुछ इंच से 300 फ़ीट तक हो सकता है| गहरे पानी में इसका आकार कुछ फ़ीट ही दिखाई देगा और इसको पहचानना आसान नहीं होगा| पर जैसे यह समुन्द्र तट की तरफ कम गहरे पानी की तरफ बढ़ता है तो इसकी लहरें विशालकाय रूप ले लेती हैं| सुनामी की ऊंचाई तटरेखा और समुंद्री तल की विशेषताओं के कारण घट-बड़ सकती हैं जिससे तट के साथ इसकी ऊंचाई भी अलग-अलग होती हैं|


वर्ल्ड सुनामी अवेयरनेस डे | विश्व सुनामी जागरूकता दिवस  

सुनामी दुर्लभ मगर अत्यधिक घातक लहरें होती हैं| पिछले 100 वर्षों की बात करें तो, 58 सुनामी की घटनाओं में ढाई लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है| इसका मतलब औसतन 4500 एक आपदा में| इस तरह के आकड़ों ने सुनामी को सबसे ज्यादा खतरनाक प्राकृतिक आपदा बना रखा है|

2004 में आई हिन्द महासागर में सुनामी | 

विश्व की 80 प्रतिशत सुनामी प्रशांत महासागर में आती हैं| मगर ऐसा नहीं है की हिन्द महासागर ने कुछ कम झेला है| दिसंबर 2004 में एक घातक सुनामी ने हिन्द महासागर में दस्तख दी| इसमें भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया समेत 14 देशों के 2.27 लाख लोगों ने अपनी जान गवाई|

ह्यूगो फ्रेमवर्क (Hyogo Framework) 

इस आपदा के तीन हप्ते बाद ही अंतरष्ट्रीय समुदाय जापान के ह्यूगो छेत्र के कोबे में एक साथ खड़ा हुआ| यह 'आपदा के जोखिम कम करने' के लिए आयोजित सम्मेलनों की सीरीज में दूसरा सयुंक्त राष्ट्र का विश्व सम्मलेन था| 2005 में हुई इस बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने 10 साल का एक्शन प्लान (Hyogo Framework for action) तैयार किया जो आपदा के जोखिमों से निपटने के लिए पहला व्यापक वैश्विक समझौता था| उन्होनें भारतीय महासागर में सुनामी चेतावनी के लिए एक प्रणाली भी बनाई जो भूकंप और समुन्द्र स्तर की निगरानी करेगी और जरुरत पड़ने पर तुरंत सुनामी सुचना केंद्र को सूचित करेगी| 

सेंडाइ फ्रेमवर्क (Sendai Framework) 

10 साल बाद, मार्च 2015 में जापान के ही सेंडाइ में हुए 'डिजास्टर रिस्क रिडक्शन' विषय पर तीसरी 'सयुंक्त राष्ट्र विश्व सम्मलेन' का आयोजन हुआ| इसमें आने वाले अगले 15 साल के लिए  "सेंडाइ फ्रेमवर्क (2015-2030)" समझौते को अपनाया गया| इस सम्मलेन में इस बात पर जोर दिया गया कि सुनामी प्रवण छेत्रों में बढ़ते शहरीकरण और पर्यटन के कारण जोखिम में कमी करना ही दुनिया में आपदा मृत्यु दर को कम करने का एक महत्वपूर्ण कारक है| इसमें 2030 तक सतत विकास (Sustainable Development) के लिए एजेंडा तैयार किया गया|

22 दिसंबर 2015 को सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने 5 नवंबर को 'विश्व सुनामी जागरूकता दिवस'(World Tsunami Awareness Day)  नामित किया| सेंडाइ फ्रेमवर्क के बाद 142 देशों ने यह दिन प्रस्तावित किया था| इसको सुझाने वाला देश जापान था जो अपने एक के बाद एक आपदाओं के कड़वे अनुभवों से सुनामी की पूर्व चेतवानी, उसके बाद होने कार्रवाही और पुनर्निर्माण के लिए से इस छेत्र में माहिर हो गया है|

वर्ल्ड सुनामी अवेयरनेस डे '5 नवंबर' को क्यों मनाते हैं 

5 नवंबर का दिन चुनने के पीछे जापानी कहानी "इनामुरा-नो-ही"(Inamura-no-hi) है जिसका मतलब "चावल के ढेर जलाना"(burning of rice sheaves) है | 5 नवंबर 1854 में आये एक भूकंप के बाद एक किसान ने उभरते सुनामी के संकेत देखे| उसने सतर्कता का परिचय देते हुए लोगों को चेतावनी देने के लिए अपनी पूरी चावल की कटाई पर आग लगा दी जिससे वे ऊँचे स्थानों पर चले गए| सुनामी जाने के बाद उसने तटबंध बनाया और वहां पर पेड़ उगाये जिससे भविष्य में आने वाली सुनामी के प्रभाव को कम कर सकें| 

विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का उद्देश्य 

वर्ल्ड सुनामी अवेयरनेस डे का मुख्य उद्देश्य तटीय छेत्रों और छोटे द्वीपों में रह रहे करोडो लोगों में सुनामी के प्रति जागरूकता बढ़ाना था| पूर्व चेतावनी प्रणाली, लचीले इंफ्रास्ट्रक्चर और लोगों की जानकारी से जान-माल के नुक्सान को बचाया जा सकता है|



Frequently asked questions:
1.Where was first UN world conference on disaster risk reduction took place?
"YOKOHAMA" in 1994.
The world conference has been convened three times, with each edition to date has been hosted by japan: in yokahama in 1994, in kobe in 2005 and in sendai in 2015.

For important days click the following month:   
 October 

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