World AIDS Day 2022 Date | HIV पॉजिटिव कैसे होता है | AIDS in Hindi

World AIDS Day 2022: एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज अभी तक खोजा नहीं जा सका है| यह मानव तंत्र की कोशिकाओं को नुक्सान पहुंचाती है, इसलिए इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने, शिक्षित करने और वैश्विक सार्वजानिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में एचआईवी के बारे में समझ विकसित करने के लिए हर वर्ष वर्ल्ड एड्स दिवस मनाया जाता है| आइये जानते हैं एच.आई.वी क्या होता है और विश्व एड्स दिवस कब मनाया जाता है (World Aids Day 2022):

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AIDS का फुल फॉर्म क्या है (AIDS Full Form) 
AIDS : Acquired Immuno-Deficiency Syndrome  

HIV का फुल फॉर्म क्या है (HIV Full Form)
HIV : Human Immuno-Deficiency Virus 

AIDS यानि यह सिंड्रोम HIV (Human Immuno-Deficiency Virus) से होता है, जिसके कारण मानव की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है यानी एचआईवी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को ख़त्म कर देता है और मनुष्य बीमारियों से लड़ने की ताकत खो देता है| इसलिए एड्स एक बीमारी ना होकर एक सिंड्रोम है| 

एड्स की उत्पत्ति कहाँ से और कैसे हुई 

कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार एचआईवी वायरस सबसे पहली बार 19वीं सदी की शुरुआत में जानवरों में मिला था| इसके बाद चिंपांज़ी से यह इंसानों में आया| 1959 में कांगो के एक बीमार आदमी के खून का नमूना लिया गया| कई सालों बाद डॉक्टरों को उसमें एचआईवी का इन्फेक्शन मिला और यह माना गया कि यह व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित पहला व्यक्ति था| वैज्ञानिकों ने एचआईवी की उत्पत्ति का कारण चिंपांज़ी और एसआइवी को माना| एसआइवी, एचआईवी की तरह ही एक वायरस है जो बंदरों और चिंपांज़ी में प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली को कमज़ोर कर देता है| साइंस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी की उत्पत्ति किंशासा शहर, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो की राजधानी से हुई है| 1960 के दशक में यह संक्रमण अफ्रीका से हैती और फिर कैरिबियन देशों में फैल गया, जहाँ से यह अमेरिका में आया| 1980 के दशक तक यह वायरस लोगों के ध्यान में नहीं आया था| 

कहा जाता है एड्स की पहचान 1981 में हुई थी| डॉ माइकल गोटलिएब ने लॉस एंजेलेस में पांच लोगों में एक अलग किस्म का निमोनिया पाया| डॉ ने पाया इन लोगों में रोग से लड़ने वाला तंत्र अचानक कमजोर पड़ गया था| यह पाँचों मरीज समलैंगिक थे इसलिए शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि यह बीमारी केवल समलैंगिकों में होती है| इसलिए एड्स को शुरुआत में GRID यानि गे-रिलेटेड इम्यूनो डेफिशियेंसी का नाम दिया गया| फ्रांस में 1983 में लुक मोन्टैग्नीर और फ्रांसोइस बार्रे-सिनोशी ने एल.ए.वी वायरस की खोज की थी और 1984 के आसपास अमेरिका के रोबर्ट सी-गैलो ने एच.टी.एल.वी-3 वायरस की खोज करी| 1985 के आसपास यह ज्ञात हुआ कि यह दोनों वायरस एक ही हैं| 1985 में ही मोन्टैग्नीर और सिनोशी को नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था| 1986 में पहली बार इस वायरस को एच आई वी यानि ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस नाम मिला| पूरी दुनिया में इसके बाद एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू हो गया| और 
        

विश्व एड्स दिवस कब मनाया जाता है

सन 1988 से 01 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (विश्व एड्स दिवस) के रूप में मनाया जाता है|  विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1988 में विश्व एड्स दिवस की स्थापना राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों, अंतराष्ट्रीय संगठनों और व्यक्तियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए की गई थी| जब 1988 में पहला विश्व एड्स दिवस 1988 में आयोजित किया गया था तब तकरीबन 90 हज़ार से डेढ़ लाख लोग एचआईवी से संक्रमित थे जो एड्स का कारण बनता है| 1981 के बाद से जब पहली बार एड्स का मामला सामने आया था लगभग ढाई करोड़ लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हो गई थी| परिणाम स्वरुप अंतराष्ट्रीय संगठनों के एकीकरण और मौद्रिक समर्थन के माध्यम से एचआईवी या एड्स के बारे में शिक्षित करने के लिए एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ गई| विश्व एड्स दिवस मनाने का प्राथमिक लक्ष्य सुचना का वितरण करना है|    

एड्स / एचआईवी के लक्षण 

एचआईवी के लक्षण, संक्रमण के स्तर के आधार पर भिन्न होते हैं| प्रारंभिक संक्रमण के बाद पहले कुछ हफ़्तों में व्यक्ति को किसी भी प्रकार के ;लक्षणों का अनुभव नहीं होता, या बुखार, सिर दर्द, शरीर में दाने, या गले में खराश सहित इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं| संक्रमण बढ़ने पर व्यक्ति में लक्षण जैसे लिम्फ नोड में सूजन, वजन में कमी, बुखार, दस्त और खांसी हो सकती है| उपचार के बिना उनमें गंभीर रोगों जैसे की गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण और कैंसर विकसित हो सकता है|    

  

HIV का इन्फेक्शन कैसे फैलता है

अधिकतर लोगों को एच.आई.वी का इन्फेक्शन होने का कारण सही जानकारी का अभाव ही होता है| विश्व एड्स दिवस मनाए जाने का कारण ही सही जानकारी लोगों तक पहुंचाना है| एच.आई.वी के इन्फेक्शन की न कोई दवा है और ना ही कोई वैक्सीन जिससे इस बीमारी को जड़ से ख़त्म किया जा सके| इस बीमारी में सिर्फ इन्फेक्शन को कण्ट्रोल किया जा सकता है ताकि इंसान अधिक से अधिक जी पाए| एच.आई.वी फैलने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
१. असुरक्षित यौन संबंध: असुरक्षित यौन संबंध एच.आई.वी के इन्फेक्शन फैलने का सबसे मुख्य कारण है| 
२. नशीली दवाइयों का इंजेक्शन: नशा करने के लिए एक नीडल के उपयोग से एच.आई.वी इन्फेक्शन फैलने का खतरा बहुत अधिक होता है| 
३. स्किन में छेद (नाक,कान): एक ही नीडल से शरीर में छेद करवाने से भी एच.आई.वी का इन्फेक्शन फैलता है| 
४. नीडल प्रिक इंजरी: हेल्थ केयर वर्कर को नीडल प्रिक इंजरी का खतरा बना रहता है, जिस कारण ब्लड द्वारा एच.आई.वी का इन्फेक्शन फ़ैल सकता है| 
५. माँ से बच्चे को: एक माँ से बच्चे को एच.आई.वी का इन्फेक्शन फ़ैल सकता है| इसीलिए कन्सीव होने के तुरंत बाद एच.आई.वी की जांच कराई जाती है जिससे होने वाले बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके| 
६. एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने से                         

HIV का इन्फेक्शन कैसे संचारित होता है 

एच.आई.वी का संक्रमण ब्लड के अलावा सीमेन, वैजिनल फ्लूइड, रेक्टल सेकरेशन और मिल्क से फैलता है| वहीँ यह संक्रमण सलाइवा, आंसू और पसीने से नहीं फैलता है| इसी के साथ यह छूने, गले लगाने, हाथ मिलाने, मच्छरों या अन्य रक्त चूसने वाले कीटों से आदि कारणों से नहीं फैलता|     

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