राष्ट्रीय समुद्री दिवस कब मनाया जाता है | National Maritime Day 2023 Theme

National Maritime Day 2023: भारत में समुद्री नौवहन का इतिहास बहुत पुराना है| पुरातन काल से ही दक्षिण भारत के पूर्वी एशिया और पश्चिम में अरब संसार के साथ नौवहन संबंध रहा करते थे| इससे पहले भी हड़प्पा संस्कृति के मैसोपोटामिया, मिस्र और रोमन से नौपरिवहन द्वारा व्यापारिक आदान प्रदान के प्रमाण मिलते हैं| आज भी भारत का 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से संबंध रखता है| इससे जाहिर होता है कि भारतीय पोत (Ports) और जहाजों की देश की अर्थव्यवस्था में कितनी बड़ी भूमिका है| भारतीय प्रायद्वीप का समुद्र से सीधे तौर पर जुड़ा होना पुरातन काल से वर्तमान तक भारत देश को एक विशेष भूमिका देता है| भारत के नौवहन गौरव को मनाने के लिए साल में एक दिन राष्ट्रीय समुंद्री दिवस मनाया जाता है| आइये जानते हैं राष्ट्रीय समुंद्री दिवस कब मनाते हैं (National Maritime Day 2023) और क्या है इसका उद्देश्य:

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राष्ट्रीय समुद्री दिवस कब मनाया जाता है (National Maritime Day 2023 Date) 

भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime Day) हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाता है| यह 04 दिसंबर को मनाए जाने वाले भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) और  सितंबर माह के अंतिम गुरूवार को मनाए जाने वाले वर्ल्ड मैरिटाइम डे (World Maritime Day) से अलग दिवस है| राष्ट्रीय समुद्री दिवस (नेशनल मेरीटाइम डे) उन पुरुषों के प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिए मनाया जाता है जो वैश्विक स्तर पर भारत के व्यापार और वाणिज्य के थोक को पूरा करने के लिए समुद्र में कई महीने बिताते हैं| 

भारत में 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime Day) वर्ष 1964 से मनाया जा रहा है| दरअसल भारत में स्वदेशी शिपिंग वास्तव में 5 अप्रैल 1919 को शुरु हुई थी, जब सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड ने अपना जहाज एसएस लॉयल्टी, मुंबई से लंदन को जाने के लिए समुद्र में उतारा था| 

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जब भी समुद्री परिवहन की बात होती है, तब नौसेना का जिक्र जरूर होता है, लेकिन हकीकत यह है कि समुद्री परिवहन, नौसेना से बहुत अलग है| समुद्री परिवहन कई बड़े देशों की रीढ़ है और इसकी अहमियत ही राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अहमियत को रेखांकित करती है| 

इस वर्ष 2023 में 60वां राष्ट्रीय समुंद्री दिवस मनाया जा रहा है| राष्ट्रीय समुद्री दिवस बंदरगाहों, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा मनाया जाता है| राष्ट्रीय समुद्री दिवस नाविकों की सेवा और राष्ट्रीय समुद्री उद्योग के संवर्धन और विकास से जुड़े व्यक्तियों और संगठनों की सेवाओं को पुरस्कार, छात्रवृत्ति और सुविधा देकर मान्यता देता है|

राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2023 थीम (National Maritime Day 2023 Theme)

भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस, 2021 का विषय : 'कोविड-19 से परे सतत नौवहन' (Sustainable Shipping Beyond Covid-19) था| यह विषय भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप था| पिछले साल राष्ट्रीय समुंद्री दिवस 2023 की थीम " Propelling Indian Maritime to Net Zero" थी|   

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भारत में बंदरगाह

भारत के पास 12 प्रमुख बंदरगाह और 200 से अधिक गैर-प्रमुख बंदरगाह (लघु बंदरगाह) हैं| भारत में बंदरगाहों पर संचालित कुल कार्गो में से, 54% कार्गो 12 प्रमुख बंदरगाहों द्वारा नियंत्रित किया जाता है| समुद्री क्षेत्र भारत के व्यापार मूल्य का 70% वहन करता है और भारत के व्यापार की मात्रा का 90% समुद्री क्षेत्र के माध्यम से किया जाता है| 

जहाँ मेजर पोर्ट्स परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं, वहीँ गैर-प्रमुख पोर्ट्स संबंधित राज्य समुद्री बोर्डों/राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में आते हैं| मौजूदा समय में सभी 12 प्रमुख बंदरगाह कार्य कर रहे हैं| 200 गैर-प्रमुख बंदरगाहों में से, लगभग 65 बंदरगाह कार्गो को संभाल रहे हैं और अन्य "पोर्ट लिमिट्स" हैं, जहां कोई कार्गो नहीं संभाला जाता है और इनका उपयोग मछली पकड़ने के जहाजों और छोटे घाटों द्वारा यात्रियों को ले जाने के लिए किया जाता है|  

भारत के मेजर पोर्ट (Major Port in India)

भारत के मेजर पोर्ट्स इस प्रकार हैं:

  • श्यामाप्रसाद मुखर्जी पोर्ट, (कोलकाता), पश्चिम बंगाल
  • पारादीप पोर्ट, ओडिशा
  • विशाखापट्नम पोर्ट, आंध्रप्रदेश
  • कामराजार पोर्ट (एन्नोर), तमिलनाडु 
  • चेन्नई पोर्ट, तमिलनाडु
  • वी.ओ,चिदम्बरनार पोर्ट (टूटीकोरिन), तमिलनाडु
  • दीनदयाल पोर्ट (कांडला), गुजरात 
  • मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र 
  • जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र 
  • मोरमुगाओ पोर्ट, गोवा 
  • न्यू मेंगलुरु पोर्ट, कर्नाटक
  • कोची पोर्ट, केरला  


भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन

पिछले कुछ वर्षों में, अंतर्देशीय जल परिवहन में भारत अच्छी वृद्धि देख रहा है| भारत में 5,000 किमी से अधिक नौगम्य अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास किया जा रहा है| 

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सागरमाला कार्यक्रम - भारत सरकार

भारत में समुद्री क्षेत्र देश के व्यापार की रीढ़ रहा है और पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ गया है| भारत के 7,500 किमी लंबे समुद्र तट, 14,500 किमी संभावित जलमार्गों और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थान का उपयोग करने के लिए, भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया जिसका उद्देश्य देश में बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देना है| 

सागरमाला की अवधारणा को 25 मार्च 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किया गया था| इसके तहत भारत के समुद्र तट और समुद्री क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) तैयार की गई, जिसे माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2016 को समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2016 में जारी किया गया था|

सागरमाला कार्यक्रम का विजन न्यूनतम बुनियादी ढांचे के निवेश के साथ आयात-निर्यात और घरेलू व्यापार के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम करना है| 25 मार्च 2015 को, सागरमाला की अवधारणा को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किया गया था। 14 अप्रैल 2016 को, भारत के प्रधान मंत्री ने समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2016 में भारत के 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्गों और भारत के 7,500 किमी समुद्र तट के व्यापक विकास के लिए एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (सागरमाला के हिस्से के रूप में) जारी की| 

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राष्ट्रीय समुंद्री दिवस का उद्देश्य (National Maritime Day Significance)

भारत का लगभग 95 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से संबंधित है. इससे जाहिर होता है कि भारतीय पोत और जहाजों की देश की अर्थव्यवस्था में  कितनी बड़ी भूमिका है| भारतीय प्रायद्वीप का समुद्र से सीधे तौर पर जुड़ा होना पुरातन काल से भारत देश को एक विशेष भूमिका देता है. आज हिंद महासागर में चीन की विस्तारवादी गतिविधियों के खिलाफ जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है|

"जब हमारे बंदरगाह अधिक कुशल होंगें, तो यह आत्मनिर्भर भारत को साकार करेगा और व्यापार के साथ-साथ लॉजिस्टिक के लिए वैश्विक केंद्र होने में योगदान देगा|"- श्री नरेंद्र मोदी 

राष्ट्रीय समुद्री दिवस के उद्देश्य आज केवल भारत के नौवहन गौरव को मनाने के लिए ही नहीं  रह गया है| इसके प्रमुख उद्देश्यों में देशवासियों को समुद्री व्यापार और यातायात के महत्व से अवगत कराना, लोगों को भारत के नौवहन स्रोतों की जानकारी उपलब्ध कराना, भारतीय  नौसैन्य अफसरों और नाविकों को यथोचित सम्मान देना, देश के युवाओं को समुद्री गतिविधियों में भागीदार बनाना शामिल है| 

भारत, मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के लिए अपने बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्गों को बदलने और सुधारने के लिए कई कदम उठा रहा है और आत्मनिर्भर भारत की ओर लगातार अग्रसर है| इसके अंतर्गत वर्ल्ड क्लास बंदरगाह का निर्माण, व्यवसाय को आसान करने के लिए छोटे बंदरगाह का निर्माण, सुरक्षित, टिकाऊ और हरित समुद्री क्षेत्र का निर्माण, बंदरगाहों के लिए संस्थागत विनियामक और विधायी सुधार, लोगिस्टिक लागत को कम करना शामिल है| 

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राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2023 (Happy National Maritime Day 2023)

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2022 पर भारत के गौरवशाली समुद्री इतिहास को याद किया था| भारत के आर्थिक विकास की दिशा में समुद्री क्षेत्र के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत सरकार ने बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास पर ध्यान केंद्रित किया है जो आर्थिक विकास और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है| उन्होनें इस बात पर भी जोर दिया कि भारत सरकार समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और विविधता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त देखभाल कर रही है| एक ट्वीट करते हुए उन्होनें लिखा-"जबकि हम आथक प्रगति के लिए समुद्री क्षेत्र का लाभ उठा रहे हैं और एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर रहे हैं, हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी पर्याप्त सावधानी बरत रहे हैं कि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और विविधता, जिस पर भारत को गर्व है, की रक्षा की जाए"| 

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