नो स्मोकिंग डे कब मनाते हैं | No Smoking Day 2023 Theme

No Smoking Day: धूम्रपान या तंबाकू चबाना व्यक्ति द्वारा अपनाई जाने वाली सबसे खराब आदतों में से एक है| इसके स्वास्थ्य जोखिम सभी जानते हैं, लेकिन फिर भी प्रत्येक दिन, 12 से 17 वर्ष की आयु के बीच के हजारों युवा, धूम्रपान करना शुरू करते हैं| कुछ इसे जिज्ञासा से तो कुछ सिर्फ स्टाइलिश या वयस्कों की तरह दिखने की इच्छा के कारण शुरू करते हैं| प्रति वर्ष एक दिन लोगों को धूमप्रान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है| आइये जानते हैं नो स्मोकिंग डे कब है (No Smoking Day 2023) और क्या है भारत सरकार के द्वारा नो स्मोकिंग के लिए पहल: 

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नो स्मोकिंग डे कब मनाया जाता है (No Smoking Day is observed on)

दुनिया भर के लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस यानि "नो स्मोकिंग डे" मनाया जाता है| पहला "नो स्मोकिंग डे" 1984 में ऐश बुधवार को मनाया गया था| तब से, यह दिन मार्च में हर दूसरे बुधवार को मनाया जाता है| नो स्मोकिंग डे, यूनाइटेड किंगडम में एक वार्षिक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है जो अब भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में मनाया जाने लगा है| इस साल 2023 में नो स्मोकिंग डे, 08 मार्च को मनाया गया| 

यह दिन मुख्य रूप से धूम्रपान और तम्बाकू के सेवन के खतरों पर जागरूकता फैलाने का प्रयास करता है| नो स्मोकिंग डे धूम्रपान की आदत से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है| 

ऐसे तो व्यक्ति साल के किसी भी दिन धूम्रपान छोड़ सकता है, लेकिन एक दिन नो स्मोकिंग डे के रूप में मनाना धूमप्रान करने वाले व्यक्ति को उसे छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है| इस दिन का मुख्य उद्देश्य सिगरेट और अन्य तरीकों के माध्यम से तंबाकू के सेवन के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है| साथ ही धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान की बुरी आदत से छुटकारा पाने में मदद करना है|


नो स्मोकिंग डे 2023 का विषय (No Smoking Day 2023 Theme)

पिछले साल नो स्मोकिंग डे 2022 का विषय इस प्रकार था:

No Smoking Day 2022 Theme : "Quitting Smoking Doesn't have to be stressful" यानि "धूम्रपान छोड़ना तनावपूर्ण होने की ज़रूरत नहीं है"| 

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नो स्मोकिंग डे 2023 का थीम है 'धूम्रपान छोड़ो और जीतो'| नो स्मोकिंग डे 2023 की थीम 'क्विट एंड विन' है, जो नो स्मोकिंग डे के मुख्य संदेश को प्रचारित करता है और लोगों को अपने स्वास्थ्य लाभ, भलाई और वित्तीय लाभ के लिए धूम्रपान छोड़ने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है|

धूमप्रान से होने वाले नुक्सान 

धूम्रपान का बुरा प्रभाव सबसे पहले खांसी और गले में जलन के साथ शुरू होता है| जिसके बाद खराब सांस, पैची त्वचा और दांतों के रंग बदलने लगता है| समय के साथ, अधिक गंभीर स्थितियां विकसित हो सकती हैं, जिनमें हृदय रोग, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक और कई प्रकार के कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं, जिनमें से, मौखिक कैंसर काफी आम है| 

धूम्रपान समय से पहले मृत्यु के कारणों में एक है जिसे रोका जा सकता है| यह हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर सहित गंभीर और अक्सर घातक स्थितियों के मुख्य कारणों में से एक है| इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि व्यक्ति की उम्र क्या है या वह कितने समय से धूम्रपान कर रहा है, धूमप्रान छोड़ने के तुरंत बाद उसके स्वास्थ्य में लाभ होना शुरू हो जाता है| 


No Smoking Day | नो स्मोकिंग डे 

धूम्रपान छोड़ने के लिए, सबसे पहले व्यक्ति को दृढ़ होने की आवश्यकता होती है कि वह धूम्रपान छोड़ना चाहता है| एक बार तय हो जाने के बाद, दूसरों द्वारा लालच दिए जाने पर भी दृढ़ रहना जरुरी है| धूम्रपान छोड़ना सही मायनों में बहुत मुश्किल है, आखिरकार, सिगरेट में मौजूद निकोटीन एक शक्तिशाली नशे की लत है| लेकिन सही दृष्टिकोण के साथ, इसे छोड़ा जा सकता है| बस इस आदत को छोड़ने के लिए धैर्य और ठोस इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है| इसमें समय लगता है पर धीरे-धीरे इस बुरी आदत से छुटकारा पाया जा सकता है| 


नो स्मोकिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की पहल 

भारत सरकार ने विभिन्न विधानों और व्यापक तम्बाकू नियंत्रण उपायों को अधिनियमित किया है:

सरकार ने 1975 में सिगरेट अधिनियम (उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) लागू किया. जिसमें वैधानिक चेतावनी "सिगरेट धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है" अनिवार्य रूप से सभी सिगरेट पैकेजों, डिब्बों और सिगरेट के विज्ञापनों पर प्रदर्शित की गई थी|

भारत ने तम्बाकू नियंत्रण के WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन (FCTC) को अपनाया और 2003 में "सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन)" अधिनियम पारित किया| 

तम्बाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों और तम्बाकू नियंत्रण कानूनों के बारे में अधिक जागरूकता लाने और तम्बाकू नियंत्रण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू), भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) शुरू किया गया था| 

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) के दूसरे संशोधन नियम, द्वारा 2018 में पाठ्य स्वास्थ्य चेतावनी "तंबाकू कैंसर का कारण बनता है" और स्वास्थ्य चेतावनी की दो छवियां और तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर "क्विट टुडे कॉल 1800-11-2356" शब्द शामिल हुए| 

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