देवशयनी एकादशी 2023 कब है | Devshayani Ekadashi 2023 Date and Significance

Devshayani Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्त्व है| हर एक हिन्दू कैलेंडर के माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है, जिससे प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं| जब अधिकमास या मलमास आता है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती हैं| आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को "देवशयनी एकादशी" कहते हैं| आइये जानते हैं इस वर्ष देवशयनी एकादशी कब है (Devshayani Ekadashi 2023 Date) और क्या है इसका महत्त्व (Devshayani Ekadashi Significance): 

devshayani ekadashi 2023 kab hai

देवशयनी एकादशी 2023

देवशयनी एकादशी प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा के ठीक बाद आती है और वर्तमान में ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से जून या जुलाई के महीने में पड़ती है| चातुर्मास यानि हिंदू कैलेंडर में चार महीने का एक पवित्र काल, इस दिन से ही शुरू होता है| देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, पद्मनाभा, आषाढ़ी एकादशी और हरि शयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है| 

देवशयनी एकादशी का महत्त्व (Devshayani Ekadashi Significance)

भगवान विष्णु जगत के पालनकर्ता माने जाते हैं| ऐसा कहा जाता है कि सृष्टि को बनाने वाले भगवान हमेशा जागते रहते हैं और अपनी लीलाएं करते हैं लेकिन वेद, पुराण, शास्त्रों और धर्म-ग्रंथों के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को भगवान अपनी योग निद्रा में चले जाते हैं और चार महीनों तक विश्राम करते हैं| इसलिए यह एकादशी, "देवशयनी" एकादशी के नाम से जानी जाती है| देवशयनी एकादशी से भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर लगभग चार माह बाद तुला राशि में सूर्य के जाने पर उन्हें उठाया जाता है| पुराणों में वर्णन आता है कि भगवान विष्णु इस दिन से चार मास (चातुर्मास) पाताल में राजा बलि के द्वार पर निवास करके कार्तिक शुक्ल एकादशी को लौटते हैं| 

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ऐसी मान्यता है कि भगवान नारायण, चार महीने के लिए राजा बलि के पाताल लोक में विश्राम करते हैं| इसी प्रयोजन से आषाढ़ एकादशी को 'देवशयनी' तथा कार्तिक शुक्ल एकादशी को "प्रबोधिनी एकादशी" कहते हैं| उस दिन को देवोत्थानी एकादशी भी कहा जाता है| इस बीच के अंतराल को ही चातुर्मास कहा गया है| इस दौरान, किसी भी तरह के मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, मकान, दूकान आदि का मुहूर्त धार्मिक दृष्टि से सही नहीं माना जाता| इन चार महीने में दान करना, हरि नाम जपना, धार्मिक स्थान या अपने निवास स्थान पर कथा-कीर्तन करना चाहिए| अतिथि का सत्कार करना, किसी भी विकलांग, या दीन की सहायता करनी चाहिए| 

देवशयनी एकादशी 2023 कब है (Devshayni Ekadashi 2023 Date)

देवशयनी एकादशी प्रत्येक वर्ष हिन्दू कैलेंडर के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है| इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को मनाई जाएगी| यह एकादशी तिथि 29 जून 2023 को रात्रि 03 बजकर 18 मिनट पर प्रारम्भ होगी और अगले दिन 30 जून 2023 को रात्रि 02 बजकर 42 मिनट तक रहेगी| इस प्रकार एकादशी तिथि पर सूर्योदय 29 जून 2023, गुरुवार को होगा| 

एकादशी पारण एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है| द्वादशी तिथि के भीतर पारण करना आवश्यक माना गया है जब तक कि द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त न हो जाए| हरि वसरा के दौरान पारण नहीं करना चाहिए| हरि वासरा द्वादशी तिथि की प्रथम एक चौथाई अवधि होती है| इस साल पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय प्रातः 08 बजकर 20 मिनट पर होगा| व्रत तोड़ने का सबसे पसंदीदा समय प्रातः काल है| इस वर्ष पारण करने का समय 30 जून 2023 को दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से 04 बजकर 36 मिनट तक रहेगा| 


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