राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस कब और क्यों मनाते हैं | National Legal Services Day 2022

National Legal Services Day 2022: एक बढ़िया वकील कोई केस लड़ने के लिए लाखों रूपए चार्ज करते हैं और एक क्लाइंट अपनी हैसियत के हिसाब से यह रकम दे भी देता है| और न्याय पाने के लिए इसमें कोई गलत भी नहीं है| लेकिन दूसरी ओर क्या गरीब और कमजोर वर्ग, जिसके पास इतना पैसा नहीं है, कभी अपनी न्यायिक लड़ाई नहीं लड़ सकता| कई सालों तक हमारा समाज इन तमाम समस्याओं से जूझता रहा और इस प्रकार असमानता फैलती गई| इसी को ध्यान में रखते हुए लीगल सर्विसेज अथॉरिटी एक्ट लागू किया गया| इसके लागू होने की तारीख को आज हम राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाते हैं| आइये जानते हैं कब मनाते हैं राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day 2022) और क्या है इसका उद्देश्य:

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राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस कब मनाते हैं (National Legal Services Day 2022 Date) 

भारत में हर साल 09 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (Legal Service Day) के रूप में मनाया जाता है| दरअसल 9 नवंबर, 1995 को विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 लागू होने उपलक्ष्य में इस दिन यह दिवस मनाते हैं| राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर, देश भर में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में अवगत कराने के लिए कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं| इसके अलावा, कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं| 

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राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य (National Legal Service Day 2022)

हर साल 9 नवंबर को पूरा देश राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाता है| इस दिवस का उद्देश्य कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ वादियों (मुकदमेबाजी में शामिल कोई व्यक्ति) के अधिकारों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है| 1987 के कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के अनुसार, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों की व्यवस्था करने और समाज के गरीबऔर कमजोर तबकों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) की स्थापना की गई थी| 

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सिविल, आपराधिक और राजस्व न्यायालयों, न्यायाधिकरणों, या न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कर्तव्यों का प्रयोग करने वाली किसी अन्य इकाई के समक्ष मामलों में, मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं| प्रत्येक क्षेत्राधिकार इस दिन कानूनी सहायता कार्यक्रम, लोक अदालत और कानूनी सहायता शिविरों की व्यवस्था करता है| 

राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस 2021 में विशेष (National Legal Services Day 2021) 

वर्ष 2021 में, 2 अक्टूबर से 14 नवंबर, 2021 तक छह सप्ताह लंबा अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता और आउटरीच अभियान शुरू किया गया था, जिसमें डोर-टू-डोर अभियान, कानूनी जागरूकता कार्यक्रम, मोबाइल वैन के माध्यम से जागरूकता और कानूनी सहायता क्लीनिकों के माध्यम से जागरूकता शामिल थी| इसके अलावा, 8 नवंबर से 14 नवंबर, 2021 तक 'कानूनी सेवा सप्ताह' मनाया गया, जिसमें 38 करोड़ से अधिक व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया या बातचीत की गई या उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया| 

विधिक सेवा दिवस यानी 9 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) द्वारा एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जिसमें कानूनी सेवा मोबाइल एप्लिकेशन का आईओएस (iOs) संस्करण लॉन्च किया गया था और कानूनी सहायता आवेदन दाखिल करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को दस भाषाओं में सुलभ बनाया गया था|

भारत में कानूनी सहायता आंदोलन का विकास और वर्तमान स्थिति

समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित प्राधिकरणों/संस्थाओं की स्थापना की गई है: -

  • राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA)
  • सुप्रीम कोर्ट स्तर पर सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (SCLSC)
  • उच्च न्यायालय स्तर पर 39 उच्च न्यायालय विधिक सेवा समितियां (HCLSC)
  • राज्य स्तर पर 37 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA)
  • जिला स्तर पर 673 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA)
  • तालुक स्तर पर 2465 तालुक विधिक सेवा समितियां (TLSC)

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए के अनुसार, राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानूनी प्रणाली का कामकाज समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देता है। विशेष रूप से, इसे उचित कानून, कार्यक्रमों या अन्य साधनों के माध्यम से मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी नागरिक को वित्तीय या अन्य विकलांगता के कारण न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न किया जाए।

इसके अतिरिक्त, अनुच्छेद 14 और 22 (1) के तहत राज्य को कानून के समक्ष समानता और एक न्यायिक प्रणाली को सुरक्षित करने की आवश्यकता है जो सभी के लिए समान अवसर के आधार पर न्याय को आगे बढ़ाती है| 

विधिक सेवा प्राधिकरणों के निष्पादन की निगरानी करने के लिए, नालसा को सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों (एसएलएसए) से मासिक गतिविधि रिपोर्ट प्राप्त होती है जिसमें किसी विशेष माह में किए गए सभी कार्यकलापों पर प्रकाश डाला जाता है। मासिक गतिविधि रिपोर्टों के अलावा, नालसा सभी एसएलएसए से वार्षिक रिपोर्ट भी प्राप्त करता है और अपनी स्वयं की वार्षिक रिपोर्ट तैयार करता है, जिसे भारत की संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाता है| 

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