राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस कब मनाते हैं | National Energy Conservation Day 2023

National Energy Conservation Day 2023: भारत 140 करोड़ से अधिक लोगों की आबादी वाला एक विशाल देश है| पृथ्वी की आबादी के इतने बड़े हिस्से को समायोजित करने का मतलब है कि वे जलवायु परिवर्तन के लिए बड़ी मात्रा में जिम्मेदारी भी लेते हैं| चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग, ऊर्जा का सरंक्षण करना हर किसी की जिम्मेदारी है| इसी कारण से भारत में साल में एक दिन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day) के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस कब मनाते हैं (National Energy Conservation Day 2023 Date) और क्या है इसका उद्देश्य: 
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राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस कब मनाते हैं (National Energy Conservation Day 2023 Date)

भारत हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाता है| इस दिन का आयोजन ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency) द्वारा किया जाता है| इसका मकसद लागत कुशल ऊर्जा उत्पादन और संसाधन संरक्षण में भारत की शानदार उपलब्धियों को प्रस्तुत करना है| इस दिन भविष्य के लिए आगे की योजनाओं पर भी चर्चा की जाती है, जिसमें समग्र विकास को जलवायु परिवर्तन के शमन की दिशा में मुख्य लक्ष्य के रूप में लक्षित किया जाता है| 

भारत के ऊर्जा मंत्रालय ने 1991 में एक योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य उन उद्योगों और प्रतिष्ठानों को पुरस्कारों के माध्यम से राष्ट्रीय मान्यता देना था, जिन्होंने अपने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं| ये पुरस्कार पहली बार 14 दिसंबर, 1991 को दिए गए थे, जिसे 'राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस' के रूप में घोषित किया गया था| 

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत गठित, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो - बीईई, सालाना राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के समारोह का नेतृत्व करता है| बीईई ऊर्जा की खपत को कम करने में उद्योगों के प्रयासों को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से सम्मानित करके मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है| वार्षिक ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार उद्योगों, भवनों, बीईई स्टार लेबल वाले उपकरणों के निर्माताओं द्वारा ऊर्जा संरक्षण में नवाचार और उपलब्धियों को मान्यता देने के साथ यह जागरूकता बढ़ाते हैं कि ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा बचत के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए भारत की कोशिश में एक बड़ी भूमिका निभाता है| ये पुरस्कार ऊर्जा संरक्षण और दक्षता के प्रति उनकी प्रदर्शित प्रतिबद्धता को भी मान्यता देते हैं| इस योजना ने उद्योग और अन्य प्रतिष्ठानों को ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है| 
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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य ऊर्जा की बचत के महत्व के बारे में भारत में जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है| इस दिन लोगों को नए कार्य पाठ्यक्रमों और तैयार की जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है| ऊर्जा अपशिष्ट को कम करने और संसाधनों के संरक्षण में जनता कैसे अपनी भूमिका निभा सकती है, इस बारे में जानकारी दी जाती है| कुल मिलाकर राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा के उपयोग को कम करना और लोगों को इसे कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है| 

वर्तमान में, भारत में 170 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा है और लगभग 80 गीगावॉट निर्माणाधीन है| भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत तुलनात्मक रूप से बहुत कम है| इसके बावजूद देश ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएं की हैं| 2015 में COP-21 के दौरान, अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, (NDC) के रूप में, भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध किया था| भारत ने निर्धारित लक्ष्य से नौ साल पहले नवंबर 2021 में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया| यह सभी नागरिकों के लिए गर्व की बात कि भारत ऊर्जा स्रोत परिवर्तन पर लगातार आगे बढ़ रहा है और इसने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाया है| इसी के साथ भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उद्देश्य जलवायु शमन है, जिसमें 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 450 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य है| 

भारत ने नवंबर, 2021 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (COP 26) के 26 वें सत्र में 2070 तक शुद्ध शून्य प्राप्त करने के अपने लक्ष्य की घोषणा की| पेरिस समझौते के अनुच्छेद 4 के पैरा 19 की मान्यता में, भारत की दीर्घकालिक कम कार्बन विकास रणनीति, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को प्रस्तुत की गई है, और यह 2070 तक नेट-शून्य तक पहुंचने के लक्ष्य की पुष्टि करता है| 

ऊर्जा सरंक्षण अधिनियम (Energy Conservation Act)

भारत ने वर्ष 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम पारित किया था| ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 को ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण और उससे संबंधित मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था| ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च, 2002 से की गई है| यह ऊर्जा से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है| यह ऊर्जा संरक्षण गतिविधियों के कार्यान्वयन का भी समन्वय करता है| ब्यूरो का मिशन ऊर्जा दक्षता सेवाओं को संस्थागत बनाना, देश में वितरण तंत्र को सक्षम करना, अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के लिए नेतृत्व प्रदान करना है| 

संसद ने ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर दिया है और राज्यसभा ने इसे हाल ही में मंजूरी दे दी है| लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है| विधेयक ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन करना चाहता है| यह संशोधन ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा देता है| विधेयक केंद्र को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है| यह एक्ट यह भी निर्धारित करता है कि नामित उपभोक्ताओं को गैर-जीवाश्म स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के अनुपात को पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है| भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण कोड 100 किलोवाट या उससे अधिक के जुड़े भार वाले कार्यालय और आवासीय भवनों पर लागू होगा| 
national energy conservation day 2022 in hindi
ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग से बचते हुए कम से कम ऊर्जा का उपयोग करना है ताकि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाया जा सके| ऊर्जा संरक्षण की योजना को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हर इंसान को अपने व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण को शामिल करना चाहिए| 

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2022 के अवसर पर 14 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार प्रदान किए| उन्होंने इस अवसर पर 'ईवी-यात्रा पोर्टल' का भी शुभारंभ किया| ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिए इन-व्हीकल नेविगेशन की सुविधा के लिए 'ईवी-यात्रा पोर्टल' विकसित किया गया है| 
"Conserve Energy Today to Make Brighter Tomorrow"

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आने वाली पीढ़ियां प्रदूषण मुक्त वातावरण में सांस ले सकें, अच्छी प्रगति कर सकें और स्वस्थ जीवन जिएं| उन्‍होंने कहा कि स्वच्छ वातावरण में सांस लेना एक बुनियादी मानवाधिकार है| पर्यावरण की रक्षा करके हम अनेक मानवाधिकारों की रक्षा कर सकते हैं|

राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों का सामना करते हुए ऊर्जा संरक्षण एक वैश्विक और राष्ट्रीय प्राथमिकता है| यद्यपि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन विश्व औसत के एक तिहाई से भी कम है, फिर भी एक जिम्मेदार देश के रूप में भारत पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है|

राष्ट्रपति ने कहा कि सीओपी-26 में भारत ने 'लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट' यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली का संदेश दिया था, जिसमें विश्व समुदाय से पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने का आग्रह किया था| भारतीय संस्कृति और परंपरा में, हमारी जीवनशैली हमेशा लाईफ के संदेश के अनुरूप रही है| प्रकृति का सम्मान करना, प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद न करना और प्राकृतिक संपदा को बढ़ाने के उपाय करना ऐसी जीवन शैली का अभिन्न अंग है| उन्होंने कहा कि भारत इस तरह की जीवन शैली को अपनाने की दिशा में पूरे विश्व समुदाय को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है|

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कैसे मनाया जाए

राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए हर कोई अपनी भागीदारी दे सकता है| इसके लिए घर पर ही कुछ बातों पर ध्यान देकर योगदान दिया जा सकता है, जैसे:
  • जब उपयोग में न हों, बल्ब को बुझा दें 
  • ऊर्जा बचाने के लिए एलईडी बल्ब का प्रयोग करें
  • हमेशा आईएसआई मुहर लगे बिजली उपकरणों और साधनों का प्रयोग करें 
  • बच्चों को ऊर्जा सरंक्षण के बारे में शिक्षित करें
  • खाना बनाने से पहले अनाज को भिगोएं, इससे खाना बनाते समय ऊर्जा की बचत होती है

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