राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाते हैं | National Consumer Rights Day 2023 Date and theme

National Consumer Rights Day 2023: प्रत्येक उपभोक्ता को अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में उचित जानकारी होनी चाहिए ताकि वह ठगा न जाए और सतर्क रह कर अपने और अन्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा कर सकें| भारत में उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है| आइये जानते हैं राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाते हैं (National Consumer Rights Day 2023 Date) और क्या है इस वर्ष का विषय (National Consumer Rights Day 2023 Theme):

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उपभोक्ता कौन होता है (Who is a Consumer)

जो व्यक्ति किसी वस्तुओं अथवा सेवाओं को अपने अथवा अपनी ओर से अन्य के प्रयोग अथवा उपभोग के लिए खरीदता है, उसे उपभोक्ता कहते हैं| वस्तुओं में कोई भी दैनिक उपभोग वाली वस्तु या किसी भी प्रकार की स्थायी वस्तुएँ शामिल हैं| जबकि सेवाएँ जिनके लिए भुगतान किया जाता है, जैसे यातायात, बिजली, फिल्म देखना इत्यादि शामिल होती है| उपभोक्ता को इस प्रकार से भी परिभाषित किया जा सकता है कि कोई व्यक्ति, जो वस्तुओं एवं सेवाओं का चयन करता है, उन्हें प्राप्त करने के लिए पैसा खर्च करता है तथा अपनी आवश्यकता की पूर्ति हेतु उनका उपयोग करता है, वह उपभोक्ता कहलाता है| 

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाते हैं (National Consumer Rights Day 2023 Date)

हर साल भारत में 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (National Consumer Rights Day) के रूप में मनाया जाता है| इस दिन को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के नाम से भी जाना जाता है| इस दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है| दरअसल 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) अस्तित्व में आया था| इसी उपलक्ष्य में साल 2000 से यह दिवस मनाया जाता है| राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के दिन उपभोक्ताओं को उनके अधिकार के बारे में जानकारी दी जाती है और जगह-जगह सेमिनार का आयोजन कर उन्हें जागरूक किया जाता है| साथ ही उन्हें धोखाधड़ी, कालाबाजारी आदि का शिकार होने पर अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया जाता है| 

पढ़ें: हर साल 15 मार्च को मनाते हैं विश्व उपभोक्ता दिवस  

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act)

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में लागू हुआ था| वर्ष 2019 में, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 को संशोधित किया गया| बाद में, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 20 जुलाई, 2020 को प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 विधेयक की घोषणा की| 

बतौर नागरिक, जिस तरह हमें संविधान नागरिकता के अधिकार देता है, ठीक उसी तरह एक उपभोक्ता होने के साथ ही व्यक्ति के पास अपने अधिकार भी होते है| उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, उपभोक्ताओं को बुनियादी अधिकारों की गारंटी देता है| इन अधिकारों में उत्पाद चुनने का अधिकार, सभी प्रकार के खतरनाक सामानों से सुरक्षा का अधिकार, सभी उत्पादों के प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में सूचना पाने का अधिकार, उपभोक्ता हितों से संबंधित सभी निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुनवाई का अधिकार, उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होने पर निवारण की मांग करने का अधिकार, उपभोक्ता शिक्षा को पूरा करने का अधिकार शामिल हैं| इन अधिकारों का इस्तेमाल करके अब उपभोक्ता किसी भी समस्या का हल जान सकता है| वहीं अगर किसी वजह से उपभोक्ता ठगा जाता है, तो वह इसकी शिकायत भी कर सकता है| शिकायत कहाँ करनी है यह बात सेवाओं की लागत और मांगी गई क्षतिपूर्ति पर निर्भर करती है| अगर यह राशि 20 लाख से कम है तो जिला फोरम में शिकायत करनी होती है| 20 लाख से अधिक और 1 करोड़ से कम राशि के लिए राज्य आयोग और 01 करोड़ से अधिक राशि के लिए राष्ट्रीय आयोग के सामने शिकायत दर्ज करनी होती है| 

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