EOG in Train: क्या आपने कभी ट्रेन में सफर करते समय यह सोचा है कि ट्रेन के कोचों में लाइट, पंखे और ए.सी. के लिए पावर ('होटल लोड') कहाँ से आती है| भारतीय रेलवे में चलने वाली मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की 'होटल लोड' आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग विद्युत् उत्पादन स्कीमों का उपयोग करते हैं| उनमें से एक है सेल्फ जनरेटिंग (SG) और दूसरी है एन्ड ऑन जनरेशन (EOG)| इनको छोड़ एक तीसरी तकनीक है हेड ऑन जनरेशन (HOG)| पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, नियंत्रण प्रणाली और विद्युत आपूत प्रणालियों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय उन्नयन और निरंतर प्रगति के साथ, भारतीय रेलवे ने राजधानी/शताब्दी गाड़ियों के लिए हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) के रूप में ऊर्जा कुशल विद्युत आपूत प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है| लेकिन इस लेख में हम जानेंगे कि ट्रेन में EOG का मतलब क्या है (EOG in Train) और कैसे इससे ट्रेन के डिब्बों में ऊर्जा पहुँचती है:
EOG Full Form
EOG: End on Generation
EOG का मतलब क्या है? (EOG in Train)
भारतीय रेल की विभिन्न विद्युत उत्पादन स्कीमों में से एक है सेल्फ जनरेटिंग (SG), जिनका उपयोग वहां किया जाता है जहां ट्रेन में कुछ ही वातानुकूलित कोच होते हैं जैसे कि मेल एक्सप्रेस| दूसरी तकनीक है एन्ड ऑन जनरेशन (EOG)| राजधानी, शताब्दी, दुरोंतो जैसी ट्रेनों में जहाँ सभी वातानुकूलित कोच होते हैं और अधिक पावर की जरुरत होती है वहां पर ट्रेन के दोनों तरफ जनरेटर कोच (EOG in Train) लगाए जाते हैं| ईओजी प्रणाली (EOG in Train) में, ट्रेनों के डिब्बों में विद्युत भार (यानी रोशनी, पंखे और एयर कंडीशनिंग, पैंट्री आदि का लोड जिसे "होटल लोड" कहा जाता है) को रेक के दोनों सिरों पर लगाई गई इन पावर कारों से मिलता है|
प्रत्येक पावर कार को 2 डीजल अल्टरनेटर सेट के साथ स्थापित किया जाता है जो 750 वोल्ट 50 हर्ट्ज की 3-फेज (4 तार) बिजली की आपूर्ति पैदा करता है| इसे ट्रेन की पूरी लम्बाई में दो समानांतर केबल फीडरों के माध्यम से प्रेषित किया जाता है, जिसे फीडर-ए और फीडर-बी कहा जाता है| इस विद्युत आपूर्ति को पारंपरिक डिब्बों (ICF coaches) में 50 kVA ट्रांसफार्मर और एलएचबी डिब्बों (LHB coaches) में 60 kVA ट्रांसफार्मर के माध्यम से प्रत्येक कोच में टैप किया जाता है और 415 वोल्ट में काम करने वाले उपकरणों को चलाने के लिए इसे इस वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है| 110 वोल्ट में काम करने वाले उपकरणों को चलाने के लिए वोल्टेज को कम कर फिर से 110 वोल्ट ए.सी. सिंगल फेज में बदल दिया जाता है|
415 वाल्ट, 3-फेज आपूर्ति का उपयोग सीधे कंप्रेसर मोटर्स, कंडेनसर फैन मोटर्स और एवापोरेटर में स्थापित हीटर के लिए किया जाता है| एवापोरेटर ब्लोअर मोटर को 110 वी, 3-फेज ए.सी. पर चलाया जाता है| इस ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी साइड पर लाइन और न्यूट्रल के बीच लाइट और पंखों को जोड़कर उन्हें 110 वाल्ट ए.सी. की आपूर्ति भी प्रदान की जाती है| चूंकि पावर कारों को रेक के दोनों छोर पर लगाया जाता है, इसलिए सिस्टम को एंड ऑन जनरेशन (EOG) कहा जाता है|
ईओजी (EOG system) प्रणाली में, दो प्रकार के प्रदूषण होते हैं - (i) हाई स्पीड डीजल के जलने के कारण वायु प्रदूषण, और (ii) डीए सेट (डीजल अल्टरनेटर) द्वारा ध्वनि प्रदूषण, जबकि अधिक उन्नत एचओजी प्रणाली (HOG system) दोनों प्रकार के प्रदूषणों यानी वायु और ध्वनि प्रदूषण से पूरी तरह से मुक्त है|
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