राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस कब और क्यों मनाते हैं | National Fish Farmers Day 2023

National Fish Farmers Day 2023: भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है| जलीय कृषि के मामले में देखा जाए तो भारत का विश्व में दूसरा स्थान है| देश के मत्स्य उद्योग के विकास के लिए मछली किसानों, एक्वाप्रेन्योर (जल क्षेत्र में व्यवसायी) और मछुआरों द्वारा किए गए योगदान को पहचानने, स्थायी मत्स्य पालन स्टॉक और मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए और देश को अपने मत्स्य पालन संसाधनों का प्रबंधन करने के तरीके को बदलने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है| यह दिवस, 21 नवंबर को मनाये जाने वाले विश्व मत्स्य दिवस, से अलग है| आइये जानते हैं राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस कब मनाया जाता है (National Fish Farmers Day): 

national fish farmers day 2023

राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस कब मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है| इस दिवस को मनाने का उद्देश्य देश में मछली किसानों, मछुआरों और मछली पालन से जुड़े अन्य हितधारकों के काम को सम्मान और समर्थन देना है| दरअसल देश में पहली बार 10 जुलाई, 1957 को प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. अलीकुन्ही ने ओडिशा के अंगुल में प्रमुख कार्प्स के सफल प्रेरित प्रजनन में कार्प पिट्यूटरी हार्मोन को निकालने में सफलता हासिल की थी| 10 जुलाई, 1957 को दोनों वैज्ञानकों ने हाइपोफिजेशन का प्रदर्शन किया था, जो भारतीय मेजर कार्प्स में प्रजनन को प्रेरित करने की एक तकनीक है| प्रोफेसर चौधरी और डॉ अलीकुन्हीं के इसी महत्वपूर्ण योगदान की याद में साल 2001 से हर साल भारत में मत्स्य किसान दिवस का आयोजन किया जाता है| इस साल 2023 में पूरे देश में 23वां राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाएगा| 

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB)

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) की स्थापना 2006 में मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन मंत्रालय, पशुपालन और डेयरी, भारत सरकार के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी| इसका उद्देश्य देश में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए और एकीकृत और व्यापक तरीके से मत्स्य उन्नति का समन्वय करना है| राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड के सहयोग से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य विभाग द्वारा ही हर साल 10 जुलाई को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (नेशनल फिश फार्मर डे) मनाया जाता है|

राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2023 

मत्स्य पालन विभाग ने स्टार्टअप इंडिया हब और डीपीआईआईटी के साथ साझेदारी में मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज लॉन्च किया है, ताकि मत्स्य पारिस्थितिकी तंत्र में असाधारण प्रभाव पैदा करने वाले स्टार्टअप की पहचान की जा सके| भारत में मत्स्य पालन पारिस्थितिकी तंत्र वर्षों से बढ़ रहा है और वर्तमान में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मत्स्य पालन स्टार्टअप मौजूद हैं| 

भारत सरकार का मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र की उल्लेखनीय उपलब्धियों की याद में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मना रहा है| यह वर्ष मत्स्य पालन उद्योग में प्रगति और वृद्धि के नौ वर्षों का प्रतीक है| इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर के आलोक में, विभाग 10-11 जुलाई को तमिलनाडु के खूबसूरत शहर महाबलीपुरम में 'समर मीट 2023' और 'स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव' का आयोजन कर रहा है| 'समर मीट 2023' और 'स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव' भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र की उल्लेखनीय उपलब्धियों को उजागर करने और उद्योग में नवाचार व उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए मंच के रूप में काम करते हैं| 'स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव' इच्छुक उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को मत्स्य पालन और जलीय कृषि में अपने नवीन विचारों, उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा| इस सम्मेलन का उद्देश्य नए उद्यमों को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना है जो मत्स्य पालन उद्योग के विकास और आधुनिकीकरण में योगदान दे सकते हैं|

तमिल नाडु के महाबलीपुरम में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस समारोह कार्यक्रम में देश भर के 30 असाधारण स्टार्टअप की देश के मत्स्य अन्वेषकों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए एक प्रदर्शनी होगी| यह आयोजन इन सभी स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करेगा जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके|

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) 

मछली को प्रोटीन और ओमेगा 3-फैटी एसिड का सबसे स्वास्थ्यप्रद स्रोत माना जाता है, और यह कुपोषण को कम करने की प्रचुर क्षमता प्रदान करती है| जलीय कृषि सबसे तेजी से बढ़ते खाद्य उत्पादक क्षेत्रों में से एक है और प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका है। इसके अतिरिक्‍त, यह सेक्‍टर देश में लगभग 3 करोड़ मछुआरों और मत्‍स्‍य कृषकों को आजीविका और रोजगार प्रदान करता है| इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाओं को देखते हुए और नीली क्रांति लाने के लिए, भारत सरकार ने 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, जो देश में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक निवेश है, एक प्रमुख स्‍कीम ‘‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)’’ लागू की है| इस योजना को (PMMSY) को वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है| 

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का उद्देश्य 2018-19 में 13.75 मिलियन मीट्रिक टन मछली उत्पादन से बढ़ाकर 2024-25 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन करना है| साथ ही यह योजना जलीय कृषि उत्पादकता को 3 टन के वर्तमान राष्ट्रीय औसत से 5 टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाने और घरेलू मछली की खपत को 5 किलोग्राम से बढ़ाकर 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है| इसके माध्यम से मूल्य श्रृंखला के साथ 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने और मछुआरों और मछली किसानों की आय को दोगुना होने की बात कही जा रही है| 

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