क्या है विश्वकर्मा योजना का प्राथमिक उद्देश्य | PM Vishwakarma Yojana

Vishwakarma Yojana: 15 अगस्त, 2023 को पी.एम मोदी द्धारा आधिकारिक तौर पर पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना 2023 का ऐलान किया गया था| पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना 2023 को इसी महीने विश्वकर्मा दिवस के दिन शुरू किया जाएगा| इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिवस भी होता है| आइये जानते हैं क्या है विश्वकर्मा योजना और क्या है इसका उद्देश्य (Vishwakarma Yojana):

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विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Yojana)

पीएम विश्वकर्मा योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है, जो कारीगरों और शिल्पकारों को संपार्श्विक मुक्त ऋण, कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और बाजार लिंकेज समर्थन तक पहुंच के माध्यम से समग्र और एंड-टू-एंड सहायता प्रदान करती है| विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर को पूरे भारत में 70 स्थानों पर लॉन्च होने के लिए तैयार है| लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान इस पहल की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी| इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को लाभान्वित करना है| इस योजना का उद्घाटन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा किया जाएगा, जिसमें 70 मंत्री राष्ट्रव्यापी भाग लेंगे| अगले पांच वर्षों में, यह कार्यक्रम 13,000 करोड़ रुपये का व्यय आवंटित करेगा, जो श्रमिक वर्ग के लिए जमीनी स्तर के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेगा| 

क्या है विश्वकर्मा योजना का प्राथमिक उद्देश्य (Vishwakarma Yojana)

विश्वकर्मा योजना पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक पहल है| इसका प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और कल्याणकारी सहायता प्रदान करना है| पहले चरण में श्रमिकों को पांच प्रतिशत ब्याज दर पर एक लाख रुपये का ऋण मिलेगा, इसके बाद दूसरे चरण में दो लाख रुपये का ऋण मिलेगा| विश्वकर्मा योजना में प्रशिक्षुओं के लिए 500 रुपये के दैनिक वजीफे की पेशकश के साथ-साथ कारीगरों और मजदूरों को प्रशिक्षित करने का प्रावधान शामिल है| 

विश्वकर्मा योजना के दिशा-निर्देशों में उल्लिखित 18 व्यवसायों में लगे कारीगर और शिल्पकार इस योजना के लिए पात्र हैं| इनमें कारपेंटर, बोट मेकर, आर्मरर, लोहार, हैमर एंड टूल किट मेकर, लॉकरार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, चटाई बनाने वाले/झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौना मेकर (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के लिए जान बनाने वाले शामिल हैं| पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख घटक हैं:

  • मान्यता: पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड
  • कौशल उन्नयन
  • टूलकिट प्रोत्साहन
  • ऋण सहायता
  • डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन
  • विपणन सहायता

कौन कर सकता है विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन 

हाथों और औजारों के साथ काम करने वाले और स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में उपरोक्त परिवार-आधारित पारंपरिक ट्रेडों में से एक में लगे कारीगर या शिल्पकार पीएम विश्वकर्मा के तहत पंजीकरण के लिए पात्र होंगे।

पंजीकरण की तारीख को लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए| लाभार्थी, पंजीकरण की तारीख को संबंधित व्यापार में कार्य करने वाला होना चाहिए और उसने पिछले 5 वर्षों में स्वरोजगार / व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार की इसी तरह की क्रेडिट-आधारित योजनाओं जैसे मुद्रा योजना, पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि के तहत ऋण का लाभ नहीं उठाया होना चाहिए| यानि एक व्यक्ति जिसने पीएमईजीपी ऋण का लाभ उठाया है, वह पीएम विश्वकर्मा के लिए आवेदन नहीं कर सकता है| पीएम स्वनिधि या मुद्रा लोन बकाया रखने वाला व्यक्ति भी आवेदन नहीं कर सकता है| हालांकि, जिन लोगों ने पीएम स्वनिधि या मुद्रा लोन चुका दिया है, वे पीएम विश्वकर्मा के लिए आवेदन कर सकते हैं| योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित होगा| इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, एक 'परिवार' को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों से मिलकर परिभाषित किया गया है| इसके साथ सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे| 

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने के लिए www.pmvishwakarma.gov.in पर जाकर ऐसा कर सकते हैं| 

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