कैसे रखा जाता है चक्रवाती तूफानों के नाम | चक्रवाती तूफान रेमल | Naming of Cyclone Remal

Cyclone Remal: भारतीय नौसेना ने चक्रवात रेमल के बाद एक विश्वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई आरंभ कर दी है| चक्रवात के 26/27 मई 2024 की मध्यरात्रि को तट पार करने की आशंका है| नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा व्यापक तैयारी कार्रवाई की जा रही है| लेकिन क्या आपने सोचा है इन चक्रवाती तूफानों का नामकरण कैसे होता है| आइये जानते हैं (Naming of Cyclone Remal):

कैसे रखा गया चक्रवात रेमल का नाम

चक्रवात रेमल 26 मई (रविवार) आधी रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के बीच पहुंचा| चक्रवात रेमल का नाम ओमान द्वारा क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के मानक सम्मेलन के अनुसार रखा गया है| अरबी में, रेमल का अर्थ 'रेत' होता है| 

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों और पांच उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों द्वारा दिया जाता है| भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) इन्हीं छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है| भारतीय मौसम विज्ञान विभाग उत्तरी हिंद महासागर के ऊपर बनने वाले उन चक्रवात को नाम देने के लिए जिम्मेदार है जहाँ चक्रवात 62 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर सतह हवा की गति तक पहुंचता है| बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम देने का निर्णय वर्ष 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर WMO/ESCAP पैनल के सत्ताईसवें सत्र द्वारा लिया गया था| 

WMO/ESCAP पैनल में भारत, बांग्लादेश, ईरान, म्यांमार, पाकिस्तान और सऊदी अरब, थाईलैंड, यमन, श्रीलंका, मालदीव, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ओमान, कतर सहित 13 सदस्य राष्ट्र हैं| सितंबर 2004 में चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत हुई और उस समय सदस्य देशों ने उन्हें अलग-अलग नाम दिए| 

बाद में आईएमडी ने डब्ल्यूएमओ/ईएससीएपी पीटीसी (WMO/ESCAP Panel on Tropical Climate) द्वारा चक्रवात नामों को अंतिम रूप देने और अपनाने के बाद एक नई सूची जारी की| इस सूची में पैनल में शामिल 13 सदस्य देशों द्वारा सुझाए 13-13 नाम शामिल हैं| इस प्रकार कुल 169 नाम हैं| यह नाम इस प्रकार थे कि सभी नाम नए होने चाहिए और उन्हें दोहराया नहीं जाना चाहिए| शब्द में अधिकतम आठ अक्षर हो सकते हैं| यह किसी भी सदस्य देश के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए या आबादी के किसी भी समूह की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए| वर्ष 2020 में, 169 नामों के साथ एक नई सूची जारी की गई है, जिसमें 13 सदस्य देशों के तेरह नाम शामिल हैं| इसी सूची के अनुसार चक्रवात रेमल का नाम रखा गया है| 


चक्रवातों के नाम क्यों रखे जाते हैं?

चक्रवात का नाम रखना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कई उद्देश्यों को पूरा करता है| उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण वैज्ञानिक समुदाय, आपदा प्रबंधकों, मीडिया और आम जनता को मदद करता है:

प्रत्येक चक्रवात की सही पहचान करवाता है 

चक्रवात की शुरुआत के प्रति जागरूकता पैदा करता है

किसी क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के एक साथ होने के मामले में भ्रम को दूर करता है 

एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को आसानी से याद रखने में मदद करता है 

तेजी से और प्रभावी ढंग से अधिक व्यापक लोगों तक चेतावनियों का प्रसार करने में मदद करता है 

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