Deccan Queen Express: डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस, भारत की पहली डीलक्स ट्रेन है| 01 जून 2022 को इस ट्रेन ने अपनी सेवा के 92 साल पूरे किए| आइये जानते हैं डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस से जुड़ी कुछ अहम् जानकारी, इसका रूट, ट्रेन नंबर और इतिहास:
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस का रूट (Deccan Queen Express Route)
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस ट्रेन महाराष्ट्र के दो प्रमुख शहरों पुणे और मुंबई को जोड़ती है| 192 किलोमीटर का यह सफर पूरा करने में डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस को लगभग 03 घंटे 15 मिनट का समय लगता है| पुणे से चलते हुए यह ट्रेन लोनावला, दादर होते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस तक जाती है| वहीँ विपरीत दिशा में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से निकलने के बाद डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस कर्जत, लोनावला, शिवाजीनगर होते हुए पुणे पहुँचती है| यह एक कम दुरी वाली चेयर कार ट्रेन है, जिसमें एसी चेयर कार (CC), एग्जीक्यूटिव चेयर कार (EC) के साथ सेकंड सीटिंग कोच (2S) लगे होते हैं| अब इस ट्रेन में एक विस्टाडोम कोच भी लगाया जाता है|
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस ट्रेन नंबर (Deccan Queen Express Train Number)
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस - पुणे जंक्शन) ट्रेन नंबर: 12123
यह ट्रेन रोजाना शाम को 05 बजकर 10 मिनट पर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से निकलकर 08 बजकर 25 मिनट पर पुणे जंक्शन पहुँचती है|
डेक्कन क्वीन का नाम कैसे रखा गया
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण शहरों की सेवा के लिए रेलवे द्वारा शुरू की गई पहली डीलक्स ट्रेन थी और इसका नाम पुणे शहर के नाम पर ही रखा गया था| पुणे शहर को "अ क्वीन ऑफ़ डेक्कन"/ "दक्खन की रानी" नाम से भी जाना जाता है| मुंबई से पुणे तक चली डेक्कन एक्सप्रेस का नाम इसी कारण पड़ा|
डेक्कन एक्सप्रेस का इतिहास
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस मुंबई से पुणे के बीच चलने वाली सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक है| यह सुपरफास्ट ट्रेन, इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (WCAM-1) से चलने वाली पहली ट्रेन थी| डेक्कन क्वीन 01 जून 1930 को शुरू किया गया था| डेक्कन क्वीन भारतीय रेलवे की ऐसी पहली ट्रेन है जिसमें पहली बार डाइनिंग कोच लगाया गया| वर्तमान में भी यह एकमात्र ऐसी ट्रेन है| साथ ही यह पहली ट्रेन है जिसमें केवल महिलाओं के लिए स्पेशल कोच लगाया गया|
वर्ष 1930 में पहली बार चली डेक्कन क्वीन एसी फर्स्ट क्लास के सात कोच के साथ चली थी| प्रारंभ में, ट्रेन को सात कोचों के दो रेक के साथ पेश किया गया था, जिनमें से प्रत्येक को लाल रंग की मोल्डिंग के साथ चांदी में चित्रित किया गया था और दूसरा सोने की लाइनों के साथ शाही नीले रंग के साथ चलाई गई थी| मूल रेक के कोचों के अंडरफ्रेम इंग्लैंड में बनाए गए थे जबकि कोच निकायों को जीआईपी रेलवे की माटुंगा कार्यशाला में बनाया गया था|
उस समय इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव डीसी 1500 वाल्ट पर चलते थे| WCAM-1 लोकोमोटिव इसी पर काम करता था| इस ट्रेन को चलाने का मकसद ब्रिटिश सरकार का यह था कि बॉम्बे से पुणे तक घुड़सवारी देखने के लिए बहुत सारे लोग जाया करते थे| इन लोगों की सुविधा के लिए डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस चलाई गई| मुख्य रूप से यह रेलगाड़ी ऑफिसर्स, ब्रिटिश सरकार के वाइसराय आदि बड़े पद पर बैठे लोगों के लिए चलाया गया था| उस समय के हिसाब से यह ट्रेन भारत की पहली डीलक्स ट्रेन कही जा सकती है|
जैसा कि बताया गया कि इस ट्रेन में शुरुआत से सभी फर्स्ट क्लास कोच थे| 01 जनवरी 1949 को डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस से फर्स्ट क्लास कोचों को हटा कर हमेशा के लिए समाप्त कर दिया और जो सेकंड क्लास के कोच थे उनको रिडिजाइन कर फर्स्ट क्लास में बदल दिया गया| इस तरह डेक्कन क्वीन इन फर्स्ट क्लास कोच के साथ 1966 तक चली|
1966 में डेक्कन क्वीन को पूरी तरह से बदल दिया गया| अब इसमें आईसीएफ पेरुम्बुर में बने थर्ड क्लास कोच भी लगाए जाने लगे जिससे आम लोगों को भी इस ट्रेन में यात्रा करने का अवसर मिला| डेक्कन क्वीन में कोचों की संख्या भी सात से बारह कर दी गई थी| यह थर्ड क्लास कोच 1974 में रिडिजाइन कर सेकंड क्लास में बदले गए थे|
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस विशेष
- डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस को भारत की पहली सुपरफास्ट डीलक्स ट्रेन कहा जाता है|
- डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस पहली और एकमात्र ऐसी ट्रेन है जिसमें डाइनिंग कार लगी हुई है|
- डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस ट्रेन में ही पहली बार महिलाओं के लिए आरक्षित कोच लगाये गए थे|
- पिछले साल अगस्त से डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस में एक विस्टाडोम कोच भी लगाया जा रहा है|
अब एलएचबी कोचों के साथ चलेगी डेक्कन एक्सप्रेस
01 जून 2022 को डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस ने अपने 92 वर्ष पुरे किये| इस मौके पर मध्य रेलवे ने घोषणा की कि डेक्कन क्वीन, 22 जून 2022 से लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के साथ संचालित होगी, जिसके बाद अब इस रेलगाड़ी को एलएचबी कोचों के साथ चलाया जा रहा है|
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस के इन लाल-हरे रंग के यह वातानुकूलित चेयर कार, द्वितीय श्रेणी कोच, विस्टा डोम कोच, डाइनिंग कार के साथ-साथ, रसोई के एलएचबी कोच, ट्रेन की सालगिरह पर मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) में प्रदर्शित हुए थे|
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